HI/680108 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद लॉस एंजेलेस में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions

 
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{{Audiobox_NDrops|HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/680108CC-LOS_ANGELES_ND_01.mp3</mp3player>|"'कृष्ण' का अर्थ है भगवान। यदि आपको भगवान के लिए कोई और नाम मिला है, तो आप उसका भी जाप कर सकते हैं। ऐसा नहीं है कि आपको 'कृष्ण' का जाप करना है। लेकिन 'कृष्ण' का अर्थ भगवान होता है। कृष्ण शब्द का अर्थ है - सभी आकर्षक। '। कृष्ण, उनकी सुंदरता से, सब-आकर्षक। अपनी ताकत से, वह सर्व-आकर्षक हैं। उनके दर्शन से, वे सभी-आकर्षक हैं। उनके त्याग से, वे सभी-आकर्षक हैं। उनकी प्रसिद्धि से, वे सभी-आकर्षक हैं। पाँच हज़ार साल पहले, कृष्ण ने यह भगवद गीता कहि; वह अभी भी बहुत प्रसिद्ध है। "|Vanisource:680108 - Lecture CC Madhya 06.254 - Los Angeles|680108 - प्रवचन CC Madhya 06.254 - लॉस एंजेलेस}}
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Latest revision as of 04:24, 11 May 2022

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"'कृष्ण' का अर्थ है भगवान। यदि आपके पास भगवान का कोई और नाम है, तो आप उसका भी जाप कर सकते हैं। ऐसा नहीं है कि आपको 'कृष्ण' का ही जाप करना है। किन्तु 'कृष्ण' का अर्थ भगवान होता है। कृष्ण शब्द का अर्थ है, 'पूर्ण आकर्षक'। कृष्ण, अपनी सुंदरता से, पूर्ण आकर्षक हैं। अपनी ताकत से, वह पूर्ण आकर्षक हैं। उनके तत्त्वज्ञान से, वे पूर्ण आकर्षक हैं। उनके त्याग से, वे पूर्ण-आकर्षक हैं। उनकी प्रसिद्धि से, वे पूर्ण आकर्षक हैं। पाँच हज़ार साल पूर्व, कृष्ण ने जो यह भगवद गीता कही; वह आज भी प्रबल है। वह इतने प्रसिद्ध हैं।"
680108 - प्रवचन चै.च. मध्य ६.२५४ - लॉस एंजेलेस