HI/680310c प्रवचन - श्रील प्रभुपाद सैन फ्रांसिस्को में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions
(Created page with "Category:HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी Category:HI/अमृत वाणी - १९६८ Category:HI/अम...") |
No edit summary |
||
Line 2: | Line 2: | ||
[[Category:HI/अमृत वाणी - १९६८]] | [[Category:HI/अमृत वाणी - १९६८]] | ||
[[Category:HI/अमृत वाणी - सैन फ्रांसिस्को]] | [[Category:HI/अमृत वाणी - सैन फ्रांसिस्को]] | ||
{{Audiobox_NDrops|HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/680310IN-SAN_FRANCISCO_ND_03.mp3</mp3player>| | <!-- BEGIN NAVIGATION BAR -- DO NOT EDIT OR REMOVE --> | ||
{{Nectar Drops navigation - All Languages|Hindi|HI/680310b प्रवचन - श्रील प्रभुपाद सैन फ्रांसिस्को में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं|680310b|HI/680312 बातचीत - श्रील प्रभुपाद सैन फ्रांसिस्को में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं|680312}} | |||
<!-- END NAVIGATION BAR --> | |||
{{Audiobox_NDrops|HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/680310IN-SAN_FRANCISCO_ND_03.mp3</mp3player>|तो हमारा जीवन... हमें इस मानव जीवन पर विचार करना चाहिए, विशेष रूप से कृष्ण भावनाभावित जीवन, बहुत महत्वपूर्ण जीवन है । हमें असावधान नहीं होना चाहिए । तो हमें बहुत सावधान रहना चाहिए । कृष्ण, बेशक, आपकी रक्षा करेंगे, लेकिन हमें चेतना मिली है । हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि अगली मौत आने से पहले, हमें कृष्णलोक में स्थानांतरित होने के लिए पूरी तरह से तैयार होना चाहिए । और यह बहुत सरल बात है । अगर आप खुद को कृष्ण भावनामृत में लगातार रखते हैं, केवल यही एक चीज है । फिर आपका अगले जीवन में स्थानांतरित होना निश्चित हैं ।|Vanisource:680310 - Lecture Initiation - San Francisco|680310 - प्रवचन दीक्षा - सैन फ्रांसिस्को}} |
Revision as of 13:59, 19 May 2019
HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी |
तो हमारा जीवन... हमें इस मानव जीवन पर विचार करना चाहिए, विशेष रूप से कृष्ण भावनाभावित जीवन, बहुत महत्वपूर्ण जीवन है । हमें असावधान नहीं होना चाहिए । तो हमें बहुत सावधान रहना चाहिए । कृष्ण, बेशक, आपकी रक्षा करेंगे, लेकिन हमें चेतना मिली है । हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि अगली मौत आने से पहले, हमें कृष्णलोक में स्थानांतरित होने के लिए पूरी तरह से तैयार होना चाहिए । और यह बहुत सरल बात है । अगर आप खुद को कृष्ण भावनामृत में लगातार रखते हैं, केवल यही एक चीज है । फिर आपका अगले जीवन में स्थानांतरित होना निश्चित हैं । |
680310 - प्रवचन दीक्षा - सैन फ्रांसिस्को |