HI/680720b प्रवचन - श्रील प्रभुपाद मॉन्ट्रियल में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions
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Latest revision as of 16:22, 7 June 2019
HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी |
प्रकृति का कार्य अद्भुत रूप से चल रहा है । आत्मा की उपस्थिति के कारण बहुत सारी चीजें आश्चर्यजनक रूप से चल रही हैं । इसी तरह, भगवान, परमात्मा, की उपस्थिति से प्रकृति के सभी काम इतने अद्भुत तरीके से चल रहे हैं । यह भौतिक प्रकृति की समझ है । फिर ईश्वर, जीवात्मा, भौतिक प्रकृति, और फिर समय । समय शाश्वत है । अतीत, वर्तमान और भविष्य नहीं है । यह मेरी गणना है... यह सापेक्षता है । प्रोफेसर आइंस्टीन द्वारा यह आधुनिक वैज्ञानिक प्रस्ताव है । आपका समय और मेरा समय... उन्होंने यह भी कहा है कि उच्च ग्रहों में समय कारक भिन्न हैं । उच्च ग्रह में समय कारक - हमारे छह महीने उनके एक दिन जैसा होता है । जैसे की हमारे इतने सारे युग, ब्रह्मा के बारह घंटे हैं । तो समय अलग-अलग वस्तु के अनुसार है । लेकिन समय शाश्वत है । वास्तव में, अतीत, वर्तमान, भविष्य या सीमा है ही नहीं । यह समय की समझ है । |
680720 - प्रवचन भगवद गीता अंश - मॉन्ट्रियल |