HI/751124 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद बॉम्बे में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions
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Latest revision as of 06:06, 29 January 2021
HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी |
"जीव, जीवात्मा, एक बहुत छोटा कण है, बाल के रेशे का एक-दस-हज़ारवां भाग है। केशाग्र शत भागस्य शतदा कल्पितस्य च। तो इतना छोटा कण, पूर्ण पुरुषोत्तम भगवान का परमाणु कण, उसकी विभिन्न प्रकार की शक्तियां हैं। हम जीवन के विविध प्रकार के रंगों को देखते हैं, पुरे विश्व में अलग-अलग बुद्धिमता। वह क्या है? शक्ति। इसलिए यदि हमें इतनी अधिक शक्तियाँ प्राप्त हुई हैं, तो जरा पूर्ण पुरुषोत्तम भगवान, कृष्ण, की असीमित शक्ति के बारे में कल्पना कीजिये।" |
751124 - प्रवचन चै.च मध्य ०६.१५४ - बॉम्बे |