HI/751128 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद दिल्ली में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions
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Latest revision as of 06:06, 29 January 2021
HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी |
"तो वेद का अर्थ है ज्ञान । इसलिए वेदों से आप सभी प्रकार के ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं, भौतिक और आध्यात्मिक दोनों । इसलिए इसे वेद, ज्ञान कहा जाता है । इस ज्ञान के वृक्ष में फलित फल श्रीमद-भागवतम है । श्रीमद-भागवतम लिखा गया है व्यासदेव द्वारा, चार वेदों और अठारह पुराणों, 108 उपनिषदों को लिखने के बाद, फिर वेदांत-सूत्र और महाभारत, जिसमें भगवद गीता बोली गई है । इन सभी वैदिक साहित्यों के संकलन के बाद भी व्यासदेव संतुष्ट नहीं थे । तब उनके आध्यात्मिक गुरु ने उन्हें परम पुरषोत्तम की सर्वोच्च व्यक्तित्व की गतिविधियों का वर्णन करने की सलाह दी । यही श्रीमद-भागवतम है ।" |
751128 - प्रवचन श्री भा ०५.०५.०१ - दिल्ली |