HI/670210 - रायराम को लिखित पत्र, सैन फ्रांसिस्को: Difference between revisions

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अंतराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ <br/>
'''अंतराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ''' <br/>
२६ पंथ, न्यूयॉर्क, एन.वाई. १०००३ <br/>
२६ पंथ, न्यूयॉर्क, एन.वाई. १०००३ <br/>
टेलीफोन: ६७४-७४२८ <br/>
टेलीफोन: ६७४-७४२८ <br/>
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मेरे प्रिय रायराम, <br/>
मेरे प्रिय रायराम, <br/>
मैंने बहुत समय से आपसे नहीं सुना। मुझे उम्मीद है कि आप अपनी नई नौकरी के साथ अच्छा कर रहे हैं। अब जैसा कि मैं प्रकाशन के लिए भारत में गीतोपनिषद भेजने जा रहा हूं, यदि कोई व्याकरणिक या वर्तनी की गलतियाँ हैं तो कृपया पहले और दूसरे अध्याय को देखें। डॉ. राधाकृष्णन की पुस्तक में <u>छंद के साथ छंदों को भी चिह्नित करें</u>। शब्दों को समानार्थी शब्द में भी चिह्नित करें। जब आप मुझे बताएंगे कि आपने यह कर लिया है तो मैं आपको इसे भारत भेजने के लिए कहूंगा। मेरे आशीर्वाद से मुझे उम्मीद है कि सब कुछ ठीक है। <br/>
मैंने बहुत समय से आपसे नहीं सुना। मुझे उम्मीद है कि आप अपनी नई नौकरी के साथ अच्छा कर रहे हैं। अब जैसा कि मैं प्रकाशन के लिए भारत में गीतोपनिषद भेजने जा रहा हूं, यदि कोई व्याकरणिक या वर्तनी की गलतियाँ हैं तो कृपया पहले और दूसरे अध्याय को देखें। डॉ. राधाकृष्णन की पुस्तक में <u>छंद के साथ छंदों को भी चिह्नित करें</u>। शब्दों को समानार्थी शब्द में भी चिह्नित करें। जब आप मुझे बताएंगे कि आपने यह कर लिया है तो मैं आपको इसे भारत भेजने के लिए कहूंगा। मेरे आशीर्वाद से मुझे उम्मीद है कि वहां सब कुछ ठीक है। <br/>
आपका नित्य  शुभचिंतक, <br/>
आपका नित्य  शुभचिंतक, <br/>
हस्ताक्षर <br/>
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ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी
ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी

Latest revision as of 17:21, 24 March 2021

रायराम को पत्र (पृष्ठ १ से २)
रायराम को पत्र (पृष्ठ २ से २))



अंतराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ
२६ पंथ, न्यूयॉर्क, एन.वाई. १०००३
टेलीफोन: ६७४-७४२८
५१८ फ्रेडरिक गली,
सैन फ्रांसिसको,कैलीफ़ोर्निया,
फरवरी १०, १९६७
आचार्य :स्वामी ए.सी. भक्तिवेदांत
समिति:
लैरी बोगार्ट
जेम्स एस. ग्रीन
कार्ल एयरगन्स
राफेल बालसम
रॉबर्ट लेफ्कोविट्ज़
रेमंड मराइस
माइकल ग्रांट
हार्वे कोहेन


मेरे प्रिय रायराम,
मैंने बहुत समय से आपसे नहीं सुना। मुझे उम्मीद है कि आप अपनी नई नौकरी के साथ अच्छा कर रहे हैं। अब जैसा कि मैं प्रकाशन के लिए भारत में गीतोपनिषद भेजने जा रहा हूं, यदि कोई व्याकरणिक या वर्तनी की गलतियाँ हैं तो कृपया पहले और दूसरे अध्याय को देखें। डॉ. राधाकृष्णन की पुस्तक में छंद के साथ छंदों को भी चिह्नित करें। शब्दों को समानार्थी शब्द में भी चिह्नित करें। जब आप मुझे बताएंगे कि आपने यह कर लिया है तो मैं आपको इसे भारत भेजने के लिए कहूंगा। मेरे आशीर्वाद से मुझे उम्मीद है कि वहां सब कुछ ठीक है।
आपका नित्य शुभचिंतक,


ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी