HI/690905 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद हैम्बर्ग में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions
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{{Audiobox_NDrops|Nectar Drops from Srila Prabhupada|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/690905LE-HAMBURG_ND_01.mp3</mp3player>|"आध्यात्मिक गुरु एक नया आविष्कार नहीं है । इसमें केवल आध्यात्मिक गुरु के आदेशों का पालन करना है । तो मेरे सभी छात्र जो यहाँ उपस्थित हैं तथा अत्यधिक अनुग्रहीत अनुभव कर रहे हैं... मैं भी उनका आभारी हूँ क्योंकि वे इस प्रचार कार्य में मेरी सहायता कर रहे हैं । साथ ही, मैं इनसे भी आध्यात्मिक गुरु बनने का अनुरोध करूंगा । तुम में से प्रत्येक को इसके बाद आध्यात्मिक गुरु बनना चाहिए । और वह कर्तव्य क्या है ? जो भी तुम मुझसे सुन रहे हो, जो भी तुम मुझसे सीख रहे हो, उसको तुम्हें बिना किसी जोड़ या बदलाव के पूर्ण रूप से वितरित करना होगा । तब तुम सभी आध्यात्मिक गुरु बन सकते हो । ये आध्यात्मिक गुरु बनने का विज्ञान है । आध्यात्मिक गुरु बनना कोई अद्भुत चीज़ नहीं है । बस व्यक्ति को एक निष्ठावान जीव बनना चाहिए । बस यही।"|Vanisource:690905 - Lecture Festival Appearance Day, Sri Vyasa-puja - Hamburg|690905 - प्रवचन आविर्भाव दिन महोत्सव, श्री व्यासपूजा - हैम्बर्ग}} |
Revision as of 03:19, 16 August 2021
Nectar Drops from Srila Prabhupada |
"आध्यात्मिक गुरु एक नया आविष्कार नहीं है । इसमें केवल आध्यात्मिक गुरु के आदेशों का पालन करना है । तो मेरे सभी छात्र जो यहाँ उपस्थित हैं तथा अत्यधिक अनुग्रहीत अनुभव कर रहे हैं... मैं भी उनका आभारी हूँ क्योंकि वे इस प्रचार कार्य में मेरी सहायता कर रहे हैं । साथ ही, मैं इनसे भी आध्यात्मिक गुरु बनने का अनुरोध करूंगा । तुम में से प्रत्येक को इसके बाद आध्यात्मिक गुरु बनना चाहिए । और वह कर्तव्य क्या है ? जो भी तुम मुझसे सुन रहे हो, जो भी तुम मुझसे सीख रहे हो, उसको तुम्हें बिना किसी जोड़ या बदलाव के पूर्ण रूप से वितरित करना होगा । तब तुम सभी आध्यात्मिक गुरु बन सकते हो । ये आध्यात्मिक गुरु बनने का विज्ञान है । आध्यात्मिक गुरु बनना कोई अद्भुत चीज़ नहीं है । बस व्यक्ति को एक निष्ठावान जीव बनना चाहिए । बस यही।" |
690905 - प्रवचन आविर्भाव दिन महोत्सव, श्री व्यासपूजा - हैम्बर्ग |