HI/731104 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद दिल्ली में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions

 
No edit summary
 
Line 2: Line 2:
[[Category:HI/अमृत वाणी - १९७३]]
[[Category:HI/अमृत वाणी - १९७३]]
[[Category:HI/अमृत वाणी - दिल्ली]]
[[Category:HI/अमृत वाणी - दिल्ली]]
{{Audiobox_NDrops|HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/731104SB-DELHI_ND_01.mp3</mp3player>|"हम इस भौतिक दुनिया में बहुत मेहनत कर रहे हैं, लेकिन हम खुद को मौत के लिए तैयार नहीं कर रहे हैं, , हर एकको मरना है, जो कि एक तथ्य है।"|Vanisource:731104 - Lecture SB 02.01.01 - Delhi|731104 - प्रवचन श्री.भा ०२.०१.०१ - दिल्ली}}
<!-- BEGIN NAVIGATION BAR -- DO NOT EDIT OR REMOVE -->
{{Nectar Drops navigation - All Languages|Hindi|HI/731103b प्रवचन - श्रील प्रभुपाद दिल्ली में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं|731103b|HI/731104b बातचीत - श्रील प्रभुपाद दिल्ली में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं|731104b}}
<!-- END NAVIGATION BAR -->
{{Audiobox_NDrops|HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/731104SB-DELHI_ND_01.mp3</mp3player>|"हम इस भौतिक संसार में अत्यधिक परिश्रम कर रहे हैं, परंतु हम स्वयं को मृत्यु के लिए तैयार नहीं कर रहे हैं। हर एक की मृत्यु निश्चित है, यह एक तथ्य है।"|Vanisource:731104 - Lecture SB 02.01.01 - Delhi|731104 - प्रवचन श्री.भा ०२.०१.०१ - दिल्ली}}

Latest revision as of 16:10, 24 December 2021

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"हम इस भौतिक संसार में अत्यधिक परिश्रम कर रहे हैं, परंतु हम स्वयं को मृत्यु के लिए तैयार नहीं कर रहे हैं। हर एक की मृत्यु निश्चित है, यह एक तथ्य है।"
731104 - प्रवचन श्री.भा ०२.०१.०१ - दिल्ली