HI/710819 - हिमावती को लिखित पत्र, लंदन: Difference between revisions

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Letter to Himavati


त्रिदंडी गोस्वामी

ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी


शिविर: इस्कॉन
7, बरी प्लेस
लंदन, डब्ल्यू.सी. 1
इंग्लैंड

19 अगस्त 1971

मेरी प्रिय हिमावती,

कृपया मेरे आशीर्वाद स्वीकार करो। मुझे तुम्हारा दिनांक 17 अगस्त, 1971 का पत्र मिला और मैंने उसे पढ़ा है।

तुम्हारा पतन हो जाने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता। नियमित रूप से 16 माला जप करती रहो और तीनों लोकों में कोई भी ताकत तुम्हारा पतन नहीं करवा सकती। कृष्ण सदैव तुम्हारी रक्षा करेंगे। तो तुम बहुत सख्ती के साथ एक ब्रह्मचारिणी के रूप में रह सकती हो और जप व पुस्तकों का अध्ययन करते हुए, कृष्णभावनामृत में अग्रसर हो सकती हो। और तुम्हारे पास प्रचार करने का भी अच्छा सामर्थ्य है। साथ रहने के लिए तुमसे कोई आपत्ति नहीं है, परन्तु यदि तुम ब्रह्मचारिणी के रूप में रहो तो बेहतर होगा।

यदि तुम छोटे बच्चों की शिक्षिका बनना चाहो, तो बहुत अच्छा रहेगा।

आशा करता हूँ कि यह तुम्हें अच्छे स्वास्थ्य में प्राप्त हो।

सर्वदा तुम्हारा शुभाकांक्षी,

(हस्ताक्षरित)

ए.सी.भक्तिवेदान्त स्वामी

एसीबीएस/एडीबी

c / o इस्कॉन हैम्बर्ग