HI/730331 - कालिया कृष्ण को लिखित पत्र, बॉम्बे: Difference between revisions

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His Divine Grace A.C. Bhaktivedanta Swami Prabhupāda


31 मार्च, 1973

मेरे प्रिय कालिया कृष्ण,

कृपया मेरे आशीर्वाद स्वीकार करो। मुझे तुम्हारा दिनांक 12 मार्च का पत्र प्राप्त हुआ है और मैंने उसे ध्यानपूर्वक जांचा है।

तुमने एक बहुत गंभीर ग़लती कर दी है। हमारे संघ के भविष्य के बारे में मैं तुम प्रमुख शिष्यों पर निर्भर कर रहा हूँ और ऐसे में भी अवैध यौन जीवन के प्रति इतनी रुचि दिखाई देती है। चिंता से मेरे ह्रदय में बहुत पीड़ा हो रही है कि किस प्रकार से सबकुछ आगे बढ़ पाएगा। मैं क्या कर सकता हूँ? मैं तुम्हें सारे निर्देश दे चुका हूँ, भला तुम उनका पालन क्यों नहीं कर सकते? तुमसे एक जिम्मेदार भक्त होने की अपेक्षा की जाती है और इस स्थिति को संभालना होगा। यह अन्यों के लिए एक बुरा उदाहरण है। तुमने मेरे आशीर्वादों के लिए प्रार्थना की है और मैं उन्हें तुमको देता हूँ, चूंकि तुम मेरे आध्यात्मिक पुत्र हो और मैंने तुम्हें कृष्ण की सेवा में लगाने का जिम्मा लिया है। पर मैं सोचता हूँ कि तुम्हें अब से सारे अनुशासनिक नियमों का कठोरता से पालन करना होगा और किसी भी प्रकार के यौन जीवन से पूरी तरह परहेज़ करना होगा। यही तुम्हारी तपस्या हो सकती है।

सत्स्वरूप महाराज व कीर्तनानन्द महाराज की देखरेख में, शिकागो मन्दिर जाने का तुम्हारा सुझाव बहुत अच्छा है। वे तुम्हारे शुभचिंतक हैं। अब तुम अपनी गतिविधियों में पूरे निश्चय व गंभीरता के साथ जुट जाओ।

मैं आशा करता हूँ कि यह तुम्हें अच्छे स्वास्थ्य में प्राप्त हो।

सर्वदा तुम्हारा शुभाकांक्षी,

ए. सी. भक्तिवेदान्त स्वामी