HI/680310b प्रवचन - श्रील प्रभुपाद सैन फ्रांसिस्को में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions

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{{Audiobox_NDrops|HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/680310IN-SAN_FRANCISCO_ND_02.mp3</mp3player>|कलियुग बहुत तेजी से फैल रहा है, और जहां भी कलियुग बहुत ही प्रमुख है, ये चार वस्तुएं बहुत प्रमुख हैं: अप्रतिबंधित यौन जीवन, जुआ और मांस-भक्षण और नशा । जब लोग ये सब बकवास करने के आदि हो जाते हैं, तो वे सोचते हैं, "ओह, इसमें क्या गलत है ?" लेकिन यह मानव सभ्यता का सबसे घृणित हिस्सा है । जो कोई भी इन चार चीजों में लिप्त हैं, वे कल्पना नहीं कर सकते कि वह कहाँ है और वह इस बद्ध जीवन से कैसे मुक्त होगा । तो ये शुद्धिकरण की प्रक्रिया है ।|Vanisource:680310 - Lecture Initiation - San Francisco|680310 - प्रवचन दीक्षा - सैन फ्रांसिस्को}}
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Latest revision as of 05:16, 20 May 2022

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
कलियुग बहुत तेजी से फैल रहा है, और जहां भी कलियुग अत्यधिक प्रबल है, ये चार कार्य वँहा उपस्थित हैं : अप्रतिबंधित यौन जीवन, जुआ, मांस-भक्षण और नशा। जब लोग बकवास करने के आदि हो जाते हैं, तो वे सोचते हैं, "ओह, इसमें क्या गलत है?" परंतु यह मानव सभ्यता का सबसे घृणित हिस्सा है। जो कोई भी इन चार चीजों में लिप्त हैं, वे कल्पना नहीं कर सकते कि वह कहाँ है और वह इस बद्ध जीवन से कैसे मुक्त होंगें। तो यह दीक्षा शुद्धिकरण की प्रक्रिया है।
680310 - प्रवचन दीक्षा - सैन फ्रांसिस्को