HI/670211 - कीर्त्तनानन्द को लिखित पत्र, सैंन फ्रांसिस्को: Difference between revisions

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Letter to Kirtanananda (Page 1 of 2)


11 फरवरी, 1967

Letter to Kirtanananda (Page 2 of 2)


मेरे प्रिय कीर्त्तनानन्द, कृपया मेरे आशीर्वाद स्वीकार करो। मुझे आशा है कि अभी तक तुम्हें मेरा पिछला पत्र और उसके साथ में संपादन करने के लिए वक्तव्यों का पार्सल प्राप्त हो गया होगा। मुझे जेनिस डमबर्ग्ज़ का एक पत्र प्राप्त हुआ है जिसमें उसने मॉन्ट्रिएल में एक शाखा का प्रस्ताव रखा है। और उसने इस कार्य के लिए एक बहुत अच्छी जगह भी देख ली है। उसे सहायता के लिए न्यु यॉर्क से दो विद्यार्थी व ४०० डॉलरों की आवश्यकता है। इसलिए मैं चाहता हूँ कि तुम कुछ एक सप्ताह भर के लिए वहां जाओ। और यदि तुम उस स्थान और प्रस्ताव के लिए सम्मति दे देते हो तो हम वहां पर भी एक शाखा का प्रारंभ कर सकते हैं। उसने इस संदर्भ में 400 डॉलर की सहायता मांगी है। और यदि तुम सम्मति देते हो तो न्यु यॉर्क व सैन फ्रांसिस्को में से प्रत्येक 200 डॉलर का योगदान दे सकते हैं। और भविष्य में मॉन्ट्रियल शाखा इसे लौटा सकती है। मैं चाहता हूँ कि सभी शाखाएं अपना स्वतंत्र अस्तित्व बनाए रखें और आचार्य को केन्द्र में रखते हुए, एक दूसरे के साथ सहयोग करें। इस सिद्धांत के आधार पर हम पूरे विश्वभर में जितनी भी चाहें शाखाएं खोल सकते हैं। रामकृष्ण मिशन इसी सिद्धांत पर कार्य करता है और इसी कारणवश, एक संस्था के तौर पर उन्होंने बहुत सफलता प्राप्त की है।

बॉब वहां जाने को तैयार है। पर मैं मॉन्ट्रिएल से तुम्हारा समाचार मिलने के बाद उसे तुम्हारा सहयोग करने के लिए भेजूंगा। जनार्दन दास अधिकारी(जेनिस डमबर्ग्ज़) का पता निम्नलिखित है-

311 सेंट लुई सक्वेयर
अपार्टमेंट नं 2
मॉन्ट्रियल क्युबेक, कनाडा

बात यह है कि अप्रैल 1967 में एक बहुत बड़ी प्रदर्शनी आयोजित होगी और वहां दुनिया भर से लाखों लोग आएंगे। हमें अंग्रेजी व फ्रांसीसी भाषा में साहित्य तैयार करना होगा और विश्वविद्यालय के छात्रों को हमारे सदस्यों के रूप में आकृष्ट करना होगा। मि. जेनिस का सुझाव है कि मार्च 1967 के अन्त तक शाखा का प्रबन्ध पूरा हो जाना चाहिए और अप्रैल के(हस्तलिखित) तीसरे सप्ताह तक, हमारे न्यु यॉर्क भवन का उद्घाटन करके(वर्तमान बातचीत के अनुसार), मैं वहां चला जाऊं। मैं सोचता हूँ कि यह एक अच्छा विचार है और हमें इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए। और वहां पर तुरन्त पहले जाकर भावी स्थिति को जांचने के लिए मैं तुम्हें चुनता हूँ। जवाबी डाक से इस संदर्भ में तुम्हारा निर्णय जानकर नुझे प्रसन्नता होगी। और यदि तुम, इस पत्र को पाते ही, तत्काल रवाना होते हो तो तुम मॉन्ट्रिएल से मुझे लिख सकते हो।

नील अभी तक यहां नहीं पंहुचा है।