HI/671213 - नृपेन्द्रनाथ बनर्जी को लिखित पत्र, कलकत्ता: Difference between revisions

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दिसंबर १३, १९६७
''[हस्तलिखित]''
 
दिसंबर १३, १९६७.




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मेरे प्रिय नृपेन बाबू,
मेरे प्रिय नृपेन बाबू,


कृपया मेरा अभिवादन स्वीकार करें। मुझे आशा है कि आपको मेरे पिछले पोस्टकार्ड विधिवत मिल गए होंगे। कलकत्ता की स्थिति सामान्य हो जाने के कारण मैंने अब सैन फ्रांसिस्को और न्यूयार्क (अमरीका) जाते हुए जापान (टोक्यो) के लिए अपना टिकट खरीद लिया है। मेरे शिष्य श्रीमान अच्युतानंद ब्रह्मचारी और श्रीमान रामानुज ब्रह्मचारी दोनों मुझे टोक्यो के लिए रवाना करने के बाद कानपुर होते हुए दिल्ली के लिए रवाना होंगे। वे १५ तारीख की रात ९/४५ बजे से ३९ यूपी जनता एक्सप्रेस १६ तारीख रात १० बजे कानपुर पहुंच रही हैं। चूंकि वे नए आदमी हैं, कृपया उन्हें स्टेशन पर प्राप्त करें। वे वैष्णव पंथ में व्याख्यान दे सकते हैं और यदि संभव हो तो आप उनके कीर्तन और व्याख्यान की व्यवस्था कर सकते हैं; अन्यथा वे एक-दो दिन आराम करने के बाद मथुरा जा सकते हैं। आशा है कि यह आपको अच्छे स्वास्थ्य में मिलेगा और मुझे आपसे अपने सैन फ्रांसिस्को पते पर निम्नानुसार सुनकर खुशी होगी: सी/ओ इस्कॉन ५१८ फेडरिक स्ट्रीट सैन फ्रांसिस्को, कैलिफोर्निया ९४११७, यू.एस.ए.  
कृपया मेरा अभिवादन स्वीकार करें। मुझे आशा है कि आपको मेरे पिछले पोस्टकार्ड विधिवत मिल गए होंगे। कलकत्ता की स्थिति सामान्य हो जाने के कारण मैंने अब सैन फ्रांसिस्को और न्यूयार्क (अमरीका) जाते हुए जापान (टोक्यो) के लिए अपना टिकट खरीद लिया है। मेरे शिष्य श्रीमान अच्युतानंद ब्रह्मचारी और श्रीमान रामानुज ब्रह्मचारी दोनों मुझे टोक्यो के लिए रवाना करने के बाद कानपुर होते हुए दिल्ली के लिए रवाना होंगे। वे १५ तारीख की रात <u>९/४५ बजे से ३९ यूपी जनता एक्सप्रेस</u> १६ तारीख <u>रात १० बजे कानपुर पहुंच रही हैं</u>। चूंकि वे नए आदमी हैं, कृपया उन्हें स्टेशन पर प्राप्त करें। वे वैष्णव पंथ में व्याख्यान दे सकते हैं और यदि संभव हो तो आप उनके कीर्तन और व्याख्यान की व्यवस्था कर सकते हैं; अन्यथा वे एक-दो दिन आराम करने के बाद मथुरा जा सकते हैं। आशा है कि यह आपको अच्छे स्वास्थ्य में मिलेगा और मुझे आपसे अपने सैन फ्रांसिस्को पते पर निम्नानुसार सुनकर खुशी होगी: सी/ओ इस्कॉन ५१८ फेडरिक स्ट्रीट सैन फ्रांसिस्को, कैलिफोर्निया ९४११७, यू.एस.ए.  


आपका फिर से धन्यवाद,
आपका फिर से धन्यवाद,

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नृपेन्द्रनाथ बनर्जी को पत्र (पृष्ठ १ से २)
नृपेन्द्रनाथ बनर्जी को पत्र (पृष्ठ २ से २)


[हस्तलिखित]

दिसंबर १३, १९६७.


श्री नृपेन्द्रनाथ बनर्जी
११४, इलियट रोड, मीरपुर,
कानपूर - ४, उत्तर प्रदेश

कशी मल्लिक ठाकुर बत्ती
१४२, महात्मा गाँधी रोड, कलकत्ता-७

मेरे प्रिय नृपेन बाबू,

कृपया मेरा अभिवादन स्वीकार करें। मुझे आशा है कि आपको मेरे पिछले पोस्टकार्ड विधिवत मिल गए होंगे। कलकत्ता की स्थिति सामान्य हो जाने के कारण मैंने अब सैन फ्रांसिस्को और न्यूयार्क (अमरीका) जाते हुए जापान (टोक्यो) के लिए अपना टिकट खरीद लिया है। मेरे शिष्य श्रीमान अच्युतानंद ब्रह्मचारी और श्रीमान रामानुज ब्रह्मचारी दोनों मुझे टोक्यो के लिए रवाना करने के बाद कानपुर होते हुए दिल्ली के लिए रवाना होंगे। वे १५ तारीख की रात ९/४५ बजे से ३९ यूपी जनता एक्सप्रेस १६ तारीख रात १० बजे कानपुर पहुंच रही हैं। चूंकि वे नए आदमी हैं, कृपया उन्हें स्टेशन पर प्राप्त करें। वे वैष्णव पंथ में व्याख्यान दे सकते हैं और यदि संभव हो तो आप उनके कीर्तन और व्याख्यान की व्यवस्था कर सकते हैं; अन्यथा वे एक-दो दिन आराम करने के बाद मथुरा जा सकते हैं। आशा है कि यह आपको अच्छे स्वास्थ्य में मिलेगा और मुझे आपसे अपने सैन फ्रांसिस्को पते पर निम्नानुसार सुनकर खुशी होगी: सी/ओ इस्कॉन ५१८ फेडरिक स्ट्रीट सैन फ्रांसिस्को, कैलिफोर्निया ९४११७, यू.एस.ए.

आपका फिर से धन्यवाद,

ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी

पत्र भेजने वाले का नाम और पता :-

ए.सी.भक्तिवेदांत स्वामी
सी/ओ इस्कॉन
५१८ फ्रेडेरिक स्ट्रीट सैन फ्रांसिस्को
कैलिफोर्निया - ९४११७