HI/710722 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद न्यूयार्क में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions

 
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Latest revision as of 06:06, 17 January 2022

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"कृष्ण को भूख नहीं है कि वे हमसे कुछ खाना मांग रहे हैं। नहीं। वे प्रेमपूर्ण लेन-देन करने की कोशिश कर रहे हैं, "तुम मुझसे प्यार करते हो; मैं तुमसे प्यार करता हूँ।" कृष्ण भगवान हैं। कृष्ण, व्यावहारिक रूप से उनकी ऊर्जा से सब कुछ उत्पन्न होता है। जन्मादि अस्य यता: ( श्री.भा. १.१.१)। तो उन्हें मुझसे, एक छोटा पत्ता और थोड़ा फल और थोड़ा पानी, क्यों भीख माँगनी चाहिए ? उनका कोई कार्य नहीं है। लेकिन अगर हम प्रेम से थोड़ा फल और थोड़ा पत्ता और थोड़ा पानी चढ़ाते हैं- "कृष्ण, मैं इतना गरीब हूं कि मैं कुछ भी प्राप्त नहीं कर सकता। मैंने इस छोटे से फल और छोटे फूल और एक पत्ते को प्राप्त किया है। कृपया इसे स्वीकार करें"- कृष्ण बहुत प्रसन्न होते हैं। हाँ। और अगर वे खाते हैं, जो आपके द्वारा अर्पित किया गया है, तो आपका जीवन सफल है। आप कृष्ण से दोस्ती करें। यही हमारा उपदेश है।"
710722 - प्रवचन श्री.भा. ०१.०६.०८ - न्यूयार्क