HI/710725 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद न्यूयार्क में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions

 
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Latest revision as of 16:18, 3 June 2023

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"जो लोग भगवान के अस्तित्व को नकारते हैं, वे कहते हैं कि, "क्या आप मुझे भगवान दिखा सकते हैं?" आप भगवान को देख रहे हैं। आप इनकार क्यों कर रहे हैं? भगवान कहते हैं कि, "मैं धूप हूं। मैं चांदनी हूं।" और धूप और चांदनी को किसने नहीं देखा है? सबने देखा है। सुबह होते ही धूप होती है। तो अगर धूप भगवान है, तो आपने भगवान को देखा है। आप इनकार क्यों करते हैं? आप इनकार नहीं कर सकते। कृष्ण कहते हैं, रसो 'हम अप्सु कौन्तेय (भ.गी. ७.८): "मैं पानी का स्वाद हूँ ।" तो पानी का स्वाद किसने नहीं चखा है? हम पानी पी रहे हैं, नित्य, गैलन पानी। हम प्यासे हैं, और सुरूचि जो हमारी प्यास बुझाती है, वही कृष्ण हैं।"
710725 - प्रवचन ब्र.स. ३२ - न्यूयार्क