HI/710801 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद न्यूयार्क में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions

 
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{{Nectar Drops navigation - All Languages|Hindi|HI/710731 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद न्यूयार्क में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं|710731|HI/710802 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद न्यूयार्क में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं|710802}}
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{{Audiobox_NDrops|HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/710801SB-NEW_YORK_ND_01.mp3</mp3player>|तो हमें अगले जन्म की प्रतीक्षा नहीं करनी चाहिए। हमें इस जीवन में कृष्ण भावनामृत के मिशन को पूरा करने का प्रयास करना चाहिए ताकि, जैसा कि कृष्ण ने आश्वासन दिया है, त्यक्त्वा देहं पुनर जन्म नैति ([[Vanisource:BG 4.9|भ. गी. ४.९]]): 'इस शरीर को छोड़ने के बाद, वह फिर से इस भौतिक जगत में नहीं आता है।' माम एति: 'वह मेरे धाम  आता है।'"|Vanisource:710801 - Lecture SB 06.01.15 - New York|710801 - प्रवचन श्री. भा. ०६.०१.१५ - न्यूयार्क}}
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Revision as of 06:14, 21 January 2022

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
तो हमें अगले जन्म की प्रतीक्षा नहीं करनी चाहिए। हमें इस जीवन में कृष्ण भावनामृत के मिशन को पूरा करने का प्रयास करना चाहिए ताकि, जैसा कि कृष्ण ने आश्वासन दिया है, त्यक्त्वा देहं पुनर जन्म नैति (भ. गी. ४.९): 'इस शरीर को छोड़ने के बाद, वह फिर से इस भौतिक जगत में नहीं आता है।' माम एति: 'वह मेरे धाम आता है।'"
710801 - प्रवचन श्री. भा. ०६.०१.१५ - न्यूयार्क