HI/Prabhupada 0867 - हम शाश्वत हैं और हम अपनी गतिविधियों के लिए जिम्मेदार हैं । यही ज्ञान है

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750520 - Morning Walk - Melbourne

हरि-शौरि: मौसम में अनियमितता है अौर...

प्रभुपाद: यह पापी जीवन की वजह से है , अनियमितता ।

हरि-शौरि i: तो अगर हम हम कृष्ण भावनामृत आंदोलन में वृद्धि करें

प्रभुपाद: तो यह नियमित हो जाएगा। यह प्रकृति की सजा है। तुम परवाह न करो कि पापी जीवन क्या है, लेकिन यह दर्ज किया जाता है। यही मूर्खता है। "मैं भगवान की परवाह नहीं करता, मुझे परवाह नहीं है कि अागे क्या होगा । यह मूखर्त है । लोग ... निचले ग्रह, वे ऐसे ही होते हैं। यहॉ भी इस ग्रह में। पश्चिमी देशों में कई स्थान हैं: "किसी की भी परवाह नहीं है, क्या है पापी जीवन, क्या होने वाला है । हमें आनंद लेने दो, बस । " यह उनका तत्वज्ञान है। "हमें आनंद लेने दो । बस ।" भौतिकवादी दृष्टिकोण एसा होता है । उन्हें पता नहीं है कि हम अनन्त हैं और हम अपनी गतिविधियों के लिए जिम्मेदार हैं । यही ज्ञान है। लेकिन उन्हे ज्ञान नहीं है। वे केवल आनंद लेना चाहते हैं। वे मौत की भी परवाह नहीं करते। केवल इन्द्रिय संतुष्टि । बस । इसे दानव, दानव जीवन कहा जाता है। वैज्ञानिक कई किस्मों को समझाते हं । वे स्वीकार करते हैं कि किस्में हैं । क्यों जीवन की कई किस्में हैं?

हरि-शौरिi: वे बस अंदाज़ा लगा रहे थे। उन्होंने कहा कि हाल की खोजों और जीवाश्मों की परीक्षा से और इस तरह...

प्रभुपाद: यह ठीक है।

हरि-शौरिi: ... उन्होंने अपनी गणना की ।

प्रभुपाद: क्यों किस्में हैं ?

अमोघ : वे कहते हैं कि मूल रूप से वहाँ सिर्फ एक जीवकोष था, और कुछ परिस्थितियों में अनुकूलता के द्वारा, एक तरह का जीवकोष जी जाता अौर दूसरा मर जाता । इसलिए ये सभी किस्में अनुकूल हुई अलग अलग स्थितियों के साथ ।

प्रभुपाद: किसने अनुकूलित किया ? किसने संभाला ?

अमोघ: ठीक है, वे ... आकस्मिक ।

प्रभुपाद: आह, यह बकवास है। कुछ भी आकस्मिक नहीं होता है। यह बकवास है। कुछ व्यवस्था होनी चाहिए। अाकस्मिक क्या हो रहा है? तुम क्यों इन पेड़ों की देखभाल कर रहे हैं? कई बातें। कुछ भी अाकस्मिक नहीं किया जाता है। तुम कारण नहीं देख पाते हो । अगर अाकस्मिक कोई अमीर बन सकता है, तो क्यों तुम अमीर बनने के लिए इतनी मेहनत से संघर्ष कर रहे हो ? क्यों उनके मोटरकार यहाँ और वहाँ, पूरे दिन और रात उड़ रहे हैं? क्यों तुम कोशिश कर रहे हैं? अाकस्मिक पैसे आने दो, और बैठ जाओ। वे ऐसा क्यों नहीं करते? अगर अाक्समिक होता है, तो संयोग अाने दो और मैं अमीर आदमी बन जाऊँगा । क्यों वे कोशिश करते हैं ? क्यों वे कॉलेज जाते हैं ? तुम एम.ए., पीएच.डी. अाकस्मिक बन जाअो । यह सब धूर्तता है, बस छोटी सोचा। छोटी सोचा । अगर चीजें अकस्मात होतीं, तो तुम क्यों कोशिश कर रहे हो ? जवाब क्या है ?

अमोघ: ठीक है, हम कोशिश करते हैं, लेकिन - हमें कोशिश करनी चाहिए - लेकिन हम कह नहीं सकते हैं कि क्या होने वाला है। तो यह अाकस्मिक हो रहा है जब हम कोशिश करते हैं । जैसे हमें कोशिश करनी चाहिए स्कूल में, लेकिन शायद हम पदोन्नत हो जाएँगे ।

प्रभुपाद: नहीं, यदि तुम अाकस्मिक्ता में विश्वास करते हो, तो तुम्हे किसी भी चीज़ के लिए प्रयास नहीं करना चाहिए। कुछ भी अाकस्मिक नहीं होता है।

हरि-शौरि: ठीक है, तो यह नहीं कह सकता है कि आदमी की गतिविधि के द्वारा, फिर, बातें हो रही हैं ? मुझे एक पत्र मिला एक व्यक्ति से जिसे मैं जानता था, और...

प्रभुपाद: दो चीजें - कर्म अौर भगवान की मंजूरी। पांच कारण हैं: कर्म, जगह, शक्ति और अंततः भगवान की मंजूरी। तब बातें होती हैं । अन्यथा अाकस्मिक्ता का कोई सवाल ही नहीं है।