HI/670217 - कार्ल ई मैक्सवेल पेयन को लिखित पत्र, सैंन फ्रांसिस्को

Letter to Carl E. Maxwell-Payne


शाखा: 518 फ्रेड्रिक स्ट्रीट
सैन फ्रांसिस्को,कैलिफोर्निया

17 फरवरी, 1967

प्रिय मि. पेयन,

आपके 14 फरवरी 1967 के पत्र के लिए मैं आपका धन्यवाद करता हूँ और मुझे आपकी उन योजनाओं की प्रतियां मुझे मिल गईं हैं जो फलीभूत नहीं हुईं।

मि. विलियम जे. टेलर के दिनांक 20 जनवरी, 1967 के पत्र से ऐसा लगता है कि उन्होंने पहले आपको मॉर्टगेज की बातचीत के लिए अधिकृत किया था। और मैं यह नहीं जानता कि मि. टेलर के वकील इस प्रबन्ध को बदल कैसे सकते हैं।

आपके पत्र व अन्य स्रोतों से मैं यह भी देख सकता हूँ कि अभी तक आप कोई ठोस आर्थिक मदद नहीं जुटा पाए हैं।

आपने अपने पत्र में यह भी इंगित किया है कि मैं इधर धन के किसी स्रोत को ढूंढने का प्रयास कर सकता हूँ। अवश्य ही, मेरे यहां आने के बाद में, यहां मेरे छात्रों ने एक योजना के अन्तर्गत कुछ ४००० डॉलर की राशि जोड़ी थी, किन्तु वे विविध वस्तुओं के लिए लगभग वह सारा खर्च कर चुके हैं। पर वे इस मामले को गंभीरता से तब तक नहीं ले सकते हैं जबतक कोई ठोस बात न हो। यदि हमारे पास न्यायिक मान्यता युक्त एक वास्तविक सेल कॉन्ट्रैक्ट मि. टेलर से मिल जाए तो इस प्रकार से राशि जुटाना संभव हो सकता है।

ब्रह्मानन्द के पत्रों से मालुम पड़ता है कि मि. टेलर के वकील अब 105,000 डॉलर की नकद पेशगी पर सम्पत्ति हमारे नाम करने को राज़ी हैं। मैं सोचता हूँ कि आपको इस आधार पर एर सेल कॉन्ट्रैक्ट ले लेना चाहिए और पूरा भुगतान करने के लिए जितनी अधिक लम्बी हो सके, उतनी लम्बी अवधि लेनी चाहिए। कम से कम तीन महीने की अवधि। यदि आवश्यकता हो तो आप अधिक-सेअधिक 750 डॉलर की राशि का बयाना दे सकते हैं, जो कि हमारे द्वारा आपके पास दी जा चुकी है।

यदि सेल कॉन्ट्रैक्ट हो, तो यहां और न्यु यॉर्क में मेरे छात्र बहुत गंभीरता के साथ धन जुटा सकते हैं। सेल कॉन्ट्रैक्ट के अभाव में सभी कुछ हवाई लगता है और मि. टेलर व उनके वकील अपनी बात से पलट सकते हैं, जैसा कि वे कर भी चुके हैं। मैं सोचता (हस्तलिखित) हूँ कि वर्त्तमान उलझन का यही सर्वोत्तम निवारण है। इस पत्र की एक प्रतिलिपि मैं न्यु यॉर्क में मेरे विद्यार्थियों को भेज रहा हूँ। आशा करता हूँ कि आप ठीक हैं। आदर सहित,

कार्ल ई. मैक्सवेल-पेयन
विलियम अल्फ्रेड व्हाइट इंक.
513 एवेन्यु ऑफ दि अमेरिकन्स
न्यु यॉर्क 11. एन. वाय

निष्ठापूर्वक आपका,

(आद्याक्षरित)

ए.सी. भक्तिवेदान्त स्वामी