HI/670327c प्रवचन - श्रील प्रभुपाद सैन फ्रांसिस्को में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"भगवद्गीता में कहा गया है कि कृष्ण, या परमात्मा, आपके हृदय में स्थित हैं। वे बहुत दूर नहीं हैं। वे आपके भीतर ही हैं, आपके भीतर बैठे हुए हैं। आप दोनों, भीतर मित्रों के भाँति बैठे हुए हैं। उपनिषद् में कहा गया है कि, दो मित्र, दो पक्षियाँ, एक ही पेड़ पर बैठे हुए हैं। तो यह शरीर वह पेड़ है, और आप बैठे हैं।"
670327 - प्रवचन श्री भा ०१.०२.१₹-१६ - सैन फ्रांसिस्को