HI/670506 - उपेंद्र को लिखित पत्र, न्यू यॉर्क

अंतराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ
२६ पंथ, न्यूयॉर्क, एन.वाई. १०००३ 
टेलीफोन: ६७४-७४२८ 
आचार्य :स्वामी ए.सी. भक्तिवेदांत 
समिति:
लैरी बोगार्ट 
जेम्स एस. ग्रीन 
कार्ल एयरगन्स 
राफेल बालसम 
रॉबर्ट लेफ्कोविट्ज़ 
रेमंड मराइस 
माइकल ग्रांट 
हार्वे कोहेन 
मई ६, १९६७ 
  
मेरे प्रिय उपेंद्र,
कृपया मेरा आशीर्वाद स्वीकार करें। मैं ४ मई, १९६७ के आपके पत्र की प्राप्ति के कि उचित रशीद में हूँ और मैं सेना की लामबंदी के लिए आपके [पाठ लापता] के बारे में चिंतित हूं। मैं इसके साथ एक पत्र संलग्न कर रहा हूं जिसे आप प्राधिकरण को प्रस्तुत कर सकते हैं और एक दिव्यता छात्र के रूप में आपको क्षेत्र में नहीं भेजा जाना चाहिए। हरे कृष्ण का जाप करें। कृष्ण आपको बचाएंगे। हमारे विवरणिका और सभी समाचार पत्रों की कतरन प्रस्तुत करें। कुछ नई कतरन मैं इसके साथ संलग्न कर रहा हूं। इसके अलावा मैं आपसे अनुरोध करूंगा कि जिस कमरे में मैं रह रहा था, उस पर किराए का भुगतान करें। समाज में [पाठ गुम] की कमी है और इसलिए आप हरिदास, मुकुंद और श्यामसुन्दर को आश्वस्त कर सकते हैं कि इसलिए आगे आपको मेरे कमरे के किराए की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। 
आपका नित्य शुभचिंतक,
 
 
ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी
संलग्न: ४ [हस्तलिखित]
- HI/1967 - श्रील प्रभुपाद के पत्र
- HI/1967 - श्रील प्रभुपाद के प्रवचन,वार्तालाप एवं पत्र
- HI/1967-05 - श्रील प्रभुपाद के प्रवचन,वार्तालाप एवं पत्र
- HI/श्रील प्रभुपाद के पत्र जो लिखे गए - अमेरीका से
- HI/श्रील प्रभुपाद के पत्र जो लिखे गए - अमेरीका, न्यू यॉर्क से
- HI/श्रील प्रभुपाद के प्रवचन,वार्तालाप एवं पत्र - अमेरीका
- HI/श्रील प्रभुपाद के प्रवचन,वार्तालाप एवं पत्र - अमेरीका, न्यू यॉर्क
- HI/श्रील प्रभुपाद के पत्र - मुकुंद को
- HI/1967 - श्रील प्रभुपाद के पत्र - मूल पृष्ठों के स्कैन सहित
- HI/श्रील प्रभुपाद के सभी पत्र हिंदी में अनुवादित
- HI/सभी हिंदी पृष्ठ



