"संपूर्ण भौतिक सभ्यता जन्म, मृत्यु, जरा व्याधि में अंत होने वाले जीवन के कठिन संघर्ष की प्रक्रिया है। मानव समाज व्यर्थ में जीवन की इन अनवरत मुसीबतों से विभिन्न तरीकों से जूझ रहा है। उनमें कुछ भौतिक प्रयास बना रहे हैं और कुछ आंशिक रूप से आध्यात्मिक प्रयास बना रहे हैं। भौतिकवादी समस्याओं का हल वैज्ञानिक जानकारी, शिक्षा, दार्शनिकता, सदाचार, नैतिकता, काव्यात्मक विचारों आदि से कर रहे हैं, और अध्यात्मवादी समस्यायों का हल पदार्थ से आत्मा की भिन्नता जैसी विभिन्न विचारशैलियों द्वारा करने का प्रयत्न कर रहे हैं। और उनमें कुछ रहस्यात्मक योगी की तरह सही निष्कर्ष पर पहुँचने का प्रयत्न कर रहे हैं। किन्तु इन सभी को निश्चित ज्ञात होना चाहिए की इस कलि युग में, या कलह और मतभेद के युग में, बिना कृष्ण भावना विधि को स्वीकार करे बिना सफलता की कोई संभावना नहीं है।"
|