HI/690108c प्रवचन - श्रील प्रभुपाद लॉस एंजेलेस में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"आपको ऐसा नहीं सोचना चाहिए कि क्योंकि कृष्ण भारत में प्रकट हुए इसलिए वे भारतीय है, या भारतीय ईश्वर हैं। यह एक गलती है। कृष्ण सभी के लिए हैं। यह मत समझिए कि कृष्ण हिंदू समुदाय के हैं या भारत के है या क्षत्रिय है। नहीं। वे किसी भी भौतिक श्रेणी से संबंधित नहीं है। वे सभी भौतिक श्रेणी के ऊपर है। और आप भगवद गीता, चौदहवें अध्याय में पाएंगे, कृष्ण दावा करते है, सर्व योनिषु कौन्तेय मूर्तयः सम्भवन्ति यह, अहम् बीज प्रदाह पिताः। ८४,००,००० योनि है, जीवों के इतने रूप हैं, जिनमें मानव भी शामिल हैं। और कृष्ण कहते हैं, अहम बीज-प्रदा पिताः, "मैं उनका बीज देने वाला पिता हूं।" इसलिए कृष्ण केवल मानव के ही पिता होने का दावा नहीं करते। लेकिन पशु समाज, जानवर समाज, पक्षी समाज, कीट समाज, जलीय समाज, पौधे समाज, वृक्ष समाज और सभी जीवों के पिता होने का दावा करते है। ईश्वर किसी विशेष समुदाय या वर्ग के नहीं हो सकते। यह गलत धारणा है। ईश्वर सभी के लिए होने चाहिए।"
690108 - प्रवचन भ. गी. ४.११-१८ - लॉस एंजेलेस