HI/690221 - श्यामा दासी को लिखित पत्र, लॉस एंजिलस

His Divine Grace A.C. Bhaktivedanta Swami Prabhupāda


9 फरवरी, 1969


मेरी प्रिय श्यामा दासी,

कृपया मेरे आशीर्वाद स्वीकार करो। मुझे तुम्हारे दिनांक 10 फरवरी एवं 16 फरवरी, 1969 के पत्र प्राप्त हुए हैं और मैं उनके लिए तुम्हारा बहुत धन्यवाद करता हूँ। तुम्हारी उंगली की परेशानी के बारे में मैं तुम्हें एक इलाज बता रहा हूँ। हल्दी पाउडर लो और उसमें उसी मात्रा में चूना पत्थर मिला दो। फिर इसमें पानी मिलाओ और उबाल कर गाढ़ा पेस्ट बना लो। फिर इसे गर्म अवस्था में लगाओ। मुझे पता चला कि हयग्रीव की पीठ में दर्द था, तो उसके लिए तुम एक भाग पिसी लाल मिर्च में पांच भाग स्पिरिट मिलाओ और इसे चौबीस घंटे के लिए छोड़ दो। फिर इसे निचोड़ कर इसमें एक भाग कर्पूर मिलाओ। मिला लेने के बाद इसे पीठदर्द की जगह पर दिन में तीन बार लगाओ।

तुम्हारे अगले दो प्रश्नों के बारे में मैं बताना चाहुंगा कि तुम्हें दीक्षित जपमाला को गाय पर नहीं रखना है। और गृहस्थों को गायत्री जप ज़ोर-ज़ोर से नहीं करना होता। वह शांति से या बुदबुदाते हुए किया जाना चाहिए। मैं समझता हूँ कि जो चिन्ह तुमने भगवान जगन्नाथ की बांई भुजा पर देखा है वह अवश्य ही या तो एक फूल है अथवा एक चक्र।

ऊँ अज्ञान प्रार्थना का अनुवाद है कि ”मैं अपने गुरुदेव को अपने विनीत प्रणाम अर्पण करता हूँ जिन्होंने ज्ञान की शलाका द्वारा अज्ञान के अँधेरे से मेरी आंखें खोल दीं हैं।”

कृपया ह्रशिकेश व रणधीर को भी मेरे आशीर्वाद देना। मैं आशा करता हूँ कि यह तुम सभी को बहुत अच्छे स्वास्थ्य एवं प्रसन्नचित्त में प्राप्त हो।

सर्वदा तुम्हारा शुभाकांक्षी,

ए. सी. भक्तिवेदान्त स्वामी