HI/720220b प्रवचन - श्रील प्रभुपाद विशाखापट्नम में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"तो यह क्रिश्नोतकीर्तना जप और नृत्य है, प्रिय है बहुत मनोज्ञ है धीरा और अधीरा के लिए, इसलिए गोस्वामी सभी वर्ग के लोगों के लिए प्रिय थे। वे वृंदावन में वास कर रहे थे, ऐसा नहीं था कि वे केवल भक्तों को प्रिय थे परन्तु साधारण जन को भी प्रिय थे। वे इन गोस्वामी की अर्चन पूजन भी करते थे पति-पत्नी के बीच पारिवारिक झगड़े में भी वे इस मामले को गोस्वामी के समक्ष प्रस्तुत करते थे। वे आम जनता को इतने प्रिय थे कि वे पारिवारिक झगड़ा प्रस्तुत करते थे और जो भी गोस्वामी तय करते वे इसे स्वीकार करते। तो धीराधिर-जनः-प्रियौ प्रिय-करौ क्योंकि यह आंदोलन इतना मनभावन है कि कहीं भी यह आकर्षक हो सकता है यह हम व्यावहारिक रूप से महसूस कर रहे हैं..."
720220 - प्रवचन अंश कृष्ण चैतन्य मठ में - विशाखापट्नम