"मान लीजिए, मैं स्विट्जरलैंड आया हूँ। यदि मैं एक महीने के लिए यहाँ रहूँ और मैं दावा करूँ, 'ओह, यह मेरा है', तो यह क्या है? इसलिए इसी तरह, मैं अतिथि के रूप में आता हूँ। हर कोई अपनी माँ के गर्भ में अतिथि के रूप में आता है और पचास यहाँ वास करता है। वह दावा कर रहा है, 'यह मेरा है।' कब..., कब..., कब यह आपका हो जाता है? यह धरती आपके जन्म से बहुत पहले, लंबे समय से थी। यह आपका कैसे हो गया? लेकिन उनको कोई बोध नहीं है। 'यह मेरा है।' 'लड़ाई।' 'मेरी जमीन।' 'मेरा राष्ट्र।' 'मेरा परिवार।' 'मेरा समाज।' इस तरह से, समय बर्बाद करना ।”
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