HI/750203 - कुशा को लिखित पत्र, होनोलूलू

Letter to Kusa devi dasi


3 फरवरी, 1975

मेरी प्रिय कुशा देवी दासी,

कृपया मेरे आशीर्वाद स्वीकार करो। मुझे तुम्हारा 30 जनवरी, 1975 का पत्र मिला है और मैंने उसे ध्यानपूर्वक पढ़ा है। मैंने तुम्हारी परिस्थिति का ध्यानपूर्वक अध्ययन किया है और मैं तुम्हें प्रात्साहित करना चाहुंगा कि तुम मन्दिर में ही रहो और निष्ठावान भक्तों का संग करो जो मेरी शिक्षाओं का सख्ती से अनुसरण कर रहे हैं। यदि तुम्हारा पति अनुशासन के नियमों का पालन नहीं कर पा रहा है तो तुम्हें इससे अपने आध्यात्मिक जीवन को हानि नहीं होने देनी चाहिए। तुम्हें हमारे साथ रहना चाहिए और कृष्ण के संरक्षण और देखरेख में रहते हुए, शांतिपूर्वक आध्यात्मिक जीवन विकसित करना चाहिए।

यदि वह आध्यात्म में रुचि नहीं रखता, तो उसे स्वेच्छानुसार रहने दो। मैंने अपने सभी शिष्यों को आध्यात्मिक प्रगति के लिए आवश्यक निर्देश दिये हैं, किन्तु यदि वह उनका पालन करने की इच्छा नहीं रखते, तो मैं क्या कर सकता हूँ? तुम्हें ऐसे किसी व्यक्ति के साथ न तो रहना चाहिए और न ही अधिक मेलजोल रखना चाहिए जो अनुशासन के नियमों का पालन करने की इच्छा नहीं रखते।

आशा करता हूँ यह तुम्हें अच्छे स्वास्थ्य में प्राप्त हो।

सर्वदा तुम्हारा शुभाकांक्षी,

(हस्ताक्षरित)

ए.सी.भक्तिवेदान्त स्वामी


एसीबीएस / पीएस