HI/750215 - गोपिपराणधन को लिखित पत्र, मेक्सिको सिटी

Letter to Gopiparanadhana das


15 फरवरी, 1975

मेरे प्रिय गोपीपराणधन दास,

कृपया मेरे आशीर्वाद स्वीकार करो। मुझे 6 फरवरी, 1975 का तुम्हारा पत्र प्राप्त हुआ और मैंने इसे पढ़ा है। विवाह कर पाने में तुम्हारी असमर्थता की परेशानी के बारे में मैं कहना चाहता हूँ, कि यह गुरू के समक्ष रखने योग्य प्रश्न नहीं है। मुझे लगता है कि तुम्हें इस बारे में रूपानुग दास से बात करनी चाहिए। खैर, तुम बिना चूके सभी नियमों का पालन करने का और प्रतिदिन 16 माला जप करने का प्रयास करो। यदि तुम यह करते हो तो जीवन की किसी भी परिस्थिति में संतुष्ट रहोगे। कृष्ण तुम्हारी सभी आवश्यकताएं, पूरी तरह से जानते हैं और वे तुम्हारे शारीरिक भरण-पोषण हेतु सबकुछ मुहैया करा देंगे। ऐसी तुम्हारी श्रद्धा होनी चाहिए।

मैं आशा करता हूँ कि यह तुम्हें अच्छे स्वास्थ्य में प्राप्त हो।


सर्वदा तुम्हारा शुभाकांक्षी,

(हस्ताक्षरित)

ए.सी.भक्तिवेदान्त स्वामी

एसीबीएस / पीएस