HI/750414b प्रवचन - श्रील प्रभुपाद हैदराबाद में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"तो कृष्ण भावनामृत आंदोलन यह है कि आपको कृष्ण की शक्तियों में से एक का आश्रय लेना होगा। आध्यात्मिक शक्ति का आश्रय लेना बेहतर है। तब आप खुश हो जायेंगे। आप मुक्त नहीं हो सकते। यह संभव नहीं है। जैसे आप सरकार के कानून की अवहेलना नहीं कर सकते हैं। यह संभव नहीं है। यदि आप नागरिक कानूनों की अवहेलना करते हैं, तो आप आपराधिक कानून के अधीन हो जाते हैं। आप यह नहीं कह सकते हैं कि "मैं सरकार की अवहेलना करता हूं।" यह संभव नहीं है। इसी तरह, आप कृष्ण और कृष्ण की शक्तियों की अवहेलना नहीं कर सकते। बेहतर होगा कि आप कृष्ण की आध्यात्मिक शक्ति का आश्रय लें और खुश रहें। महात्मानस तू माम पार्थ दैवीम प्रकृतिम आश्रितः: (भ. गी. ९.१३)। वह महात्मा है, जो कृष्ण की आध्यात्मिक शक्ति का आश्रय लेते हैं।"
750414 - प्रवचन - हैदराबाद