HI/760621 सुबह की सैर - श्रील प्रभुपाद टोरंटो में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
प्रभुपाद: जीवन का लक्ष्य भगवद धाम जाना है । अगर वे भगवद धाम वापस नहीं जाते हैं, तो यहां रहो, एक पेड़ बनो । खड़े हो जाओ, पांच हजार साल । स्थावरा लक्ष विंशति (पद्म पुराण) । बीस लाख योनि से आपको गुज़रना होगा । और प्रत्येक प्रजाति, कुछ हजारों साल । और ऐसे बीस लाख । तो, कितने साल? हम्म ? सब्जियों की बीस लाख किस्में हैं । और प्रत्येक वस्तु, यदि आप सौ साल गुज़ारते है । फिर?
पुष्ट कृष्ण: बिस करोड़ ।
प्रभुपाद: केवल सब्जियों से गुज़रने के लिए बिस करोड़ वर्ष । फिर तुम बन जाते हो, जिसे कीड़े कहते हैं । वह भी ग्यारह लाख तरह के है । इस तरह से आपको फिर से इंसान बनने का मौका मिलता है, और ये बदमाश बर्बाद कर रहे हैं, चार-पहिया कुत्ते । (हँसी) कुत्तों के चार पैर होते हैं, और हमारे पास चार पहिये होते हैं । बस इतना ही । (हँसी)
760621 - सुबह की सैर - टोरंटो