HI/770228 - श्रील प्रभुपाद मायापुर में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"जय कृष्ण बलराम। हमारे पास बलराम है, सबसे शक्तिशाली व्यक्तित्व। अतः भयभीत होने का कोई ज़रूरत नहीं। बलराम। नायं आत्मा बल-हीनेन लभ्य। बल-हीनेन लभ्य। "जिसे बलराम जी का सहयोग प्राप्त नहीं हुआ है, वह आध्यात्मिक स्तर पर कभी पहुंच नहीं सकता।" न मेधया न बहुना श्रुतेन (कठ उपनिषद् १.२.२३)। केवल बुद्धि के सहारे कोई व्यक्ति आध्यात्मिक विषय को समझ नहीं सकता। इसके लिए बलराम अर्थात कृष्ण के ज्येष्ठ भ्राता का सहयोग अनिवार्य है।"
770228 - बातचीत A - मायापुर