HI/Prabhupada 0198 - इन बुरी आदतों को छोडना होगा और इन मोतियों पर हरे कृष्ण मंत्र का जाप करना होगा



Temple Press Conference -- August 5, 1971, London

महिला प्रश्नकर्ता: कितने अनुयायी आपके हैं दुनिया भर में या आप गिनती नहीं कर सकते हैं ...?

प्रभुपाद: ठीक है, किसी भी असली बात के लिए अनुयायी बहुत कम हो सकते हैं, और किसी भी बकवास बात के लिए अनुयायी बहुत हो सकते हैं। महिला प्रश्नकर्ता: कितने ... मेरा मतलब है दीक्षित अनुयायी, जिन लोगों ने ... प्रभुपाद: तीन हजार हैं।

महिला प्रश्नकर्ता: और यह हर वक्त बढ़ रहा है?

प्रभुपाद: हाँ, यह बहुत धीरे धीरे बढ़ रहा है। क्योंकि हमारे पास इतने सारे प्रतिबंध है । लोगों को कोई प्रतिबंध पसंद नहीं है।

महिला प्रश्नकर्ता: हाँ। सबसे ज़्यादा अनुयायी कहां हैं? यह अमेरिका में है?

प्रभुपाद.: जापान में, यूरोप में, अमेरिका में, ऑस्ट्रेलिया और कनाडामें । और भारत में लाखों हैं, लाखों हैं इस पंथ के। भारत के अलावा अन्य देशों में वे छोटी मात्रा में हैं। लेकिन भारत में लाखों और लाखों हैं।

पुरुष प्रश्नकर्ता: आपको लगता है कि अापका आंदोलन भगवान को जानने का एक ही रास्ता है ?

प्रभुपाद: क्या?

भक्त: आपको लगता है कि यह आंदोलन भगवान का जानने का एक ही रास्ता है ?

प्रभुपाद: हाँ ।

पुरुष प्रश्नकर्ता: तो आपको यह आश्वासन कैसे है?

प्रभुपाद: अधिकारियों से, भगवान से, कृष्ण से । कृष्ण कहते हैं, सर्व-धर्मान् परित्यज्य माम् एकम् शरणम् व्रज (भ.गी. १८.६६)।

पुरुष प्रश्नकर्ता: लेकिन अगर कोई अौर कहता है कि भगवान ने उसे कुछ और कहा है, तो अाप उसपर विशवास करेंगे।

शयामसुन्दर : यह नहीं है कि हम अन्य धार्मिक प्रक्रियाओं को स्वीकार नहीं करते हैं।

प्रभुपाद: नहीं, हम अन्य प्रक्रिया को मानते हैं। वैसे ही जैसे कि सीढीयॉ हैं। जैसे अगर तुम सर्वोच्च माले पर जाना चाहते हो, तो तुम्हे सीढी से जाना होगा। तो उनमें से कुछ सौ सीढी चढ गए हैं, उनमें से कुछ पचास सीढी चढ गए हैं, लेकिन आवश्यक सीढी जिन्हे पूरा करना है, वह है १००० सीढी।

पुरुष प्रश्नकर्ता: और अाप हजार ऊपर जा चुके हो? प्रभुपाद: हाँ।

महिला प्रश्नकर्ता: यहाँ हम में से कोई भी अगर आज सुबह अनुयायी बनना चाहते हैं, तो हमें क्या छोडने होगा या क्या देना होगा।

प्रभुपाद: सबसे पहले अवैध यौन जीवन छोडना होगा ।

महिला प्रश्नकर्ता: क्या इसमें सभी मैथुन जीवन शामिल हैं या कि ...?

प्रभुपाद: हूँ?

महिला प्रश्नकर्ता: अवैध क्या होता है?

प्रभुपाद: अवैध मैथुन ... शादी के बिना, किसी भी संबंध के बिना, यौन जीवन, यह अवैध यौन जीवन है।

महिला प्रश्नकर्ता: तो मैथुन शादी में अनुमति दी है, लेकिन बाहर नहीं है।

प्रभुपाद: वह पशु मैथुन जीवन है। जैसे जानवर, कोई रिश्ता नहीं है और मैथुन जीवन है। लेकिन मानव समाज में प्रतिबंध है। हर देश में, हर धर्म में शादी की एक प्रणाली है। तो शादी के बिना, मैथुन जीवन अवैध यौन जीवन है।

महिला प्रश्नकर्ता: लेकिन मैथुन शादी के भीतर की अनुमति दी है।

प्रभुपाद: हाँ, यह है ...

महिला प्रश्नकर्ता: और क्या त्याग करना होगा ...

प्रभुपाद: हर प्रकार के मादक पदार्थ की सेवा।

महिला प्रश्नकर्ता: कया यह नशा या शराब है?

प्रभुपाद: किसी भी तरह का नशा जो मादक हैं।

शयामसुन्दर : चाय अौर...

प्रभुपाद: यहां तक कि चाय, सिगरेट। वे भी मादक हैं।

महिला प्रश्नकर्ता: तो शराब, मारिजुआना, चाय भी शामिल है। और कुछ?

प्रभुपाद: हाँ। हमें पशु भोजन छोडना होगा । सभी प्रकार के पशु भोजन। मांस, अंडे, मछली, के जैसे। और जुआ भी छोडना होगा।

महिला प्रश्नकर्ता: क्या परिवार छोड़ना पडता है? मुझे लगता है कि हर कोई मंदिर में रहता है, है ना ?

प्रभुपाद: ओह, हाँ । जब तक हम सभी पापी गतिविधियों को छोड नहीं देते हैं, दीक्षा नहीं ले सकते हैं।.

महिला प्रश्नकर्ता: तो क्या परिवार को छोड़ देना चाहिए? प्रभुपाद: परिवार? महिला प्रश्नकर्ता: होने के लिए ..., हाँ।

प्रभुपाद: बेशक, परिवार। हमारा लेनादेना परिवार से नहीं हैं, हमारा लेना देना व्यक्ति से है। अगर तुम कृष्ण भावनामृत आंदोलन में दीक्षा पाना चाहते हो तो सभी पापी गतिविधियों को छोडना होगा।

महिला प्रश्नकर्ता: तो परिवार को छोडना होगा। लेकिन क्या...

शयामसुन्दर: नहीं, नहीं, तुम्हे परिवार को छोडने की जरूरत नहीं है।

महिला प्रश्नकर्ता: लेकिन अगर मैं दीक्षा लेना चाहूँ ? तो मुझे यहॉ अाकर रहना होगा?

श्यामसुंदर: नहीं । प्रभुपाद: जरूरी नहीं है।

महिला प्रश्नकर्ता: ओह, मैं घर पर रह सकती हूँ ? प्रभुपाद: ओह, हाँ।

महिला प्रश्नकर्ता: लेकिन काम का क्या? क्या नौकरी छोड़नी पडती है?

प्रभुपाद: तुम्हे इन बुरी आदतों को छोडना होगा और इन माला पर हरे कृष्ण मंत्र का जाप करना होगा। बस।

महिला प्रश्नकर्ता: मुझे क्या कोई पैसे की सहायता देनी होगी?

प्रभुपाद: नहीं, वह तुम्हारी स्वैच्छिक इच्छा है। तुम हमें दो, ठीक है। अन्यथा, हमें कोई अापत्ति नहीं।

महिला प्रश्नकर्ता: क्षमा करें, मुझे समझ में नहीं आया।

प्रभुपाद: हम किसी के पैसे के योगदान पर निर्भर नहीं करते हैं। हम भगवान, या कृष्ण पर निर्भर करते हैं।

महिला प्रश्नकर्ता: तो मुझे कोई पैसा नहीं देना होगा ।

प्रभुपाद: नहीं ।

महिला प्रश्नकर्ता: क्या यही फर्क है एक नकली गुरु अौर एक वास्तविक गुरु में?

प्रभुपाद: हाँ। एक वास्तविक गुरु एक व्यापारी आदमी नहीं है।