HI/Prabhupada 0429 - कृष्ण भगवान का नाम है । कृष्ण का मतलब है पूर्ण आकर्षक



Lecture on BG 2.11 -- Edinburgh, July 16, 1972

इसलिए हमारी वर्तमान स्थिति है कि यह पूरी सभ्यता चल रही है, इस गलत धारणा के तहत कि हर कोई शरीर है । यह तथ्य नहीं है । इसलिए, यह कृष्ण कीर्तन, यह हरे कृष्ण आंदोलन, इसका एक विशेष प्रभाव है । यह है... मत सोचो कि यह हरे कृष्ण आंदोलन साधारण ध्वनि कंपन है । यह आध्यात्मिक कंपन है । यह महा मंत्र कहा जाता है । महा मंत्र । जैसे ... मुझे पता नहीं है कि क्या यहाँ अापके देश में संपेरे हैं ।. भारत में अभी भी कई संपेरे हैं । तो वे कुछ मंत्र जपते हैं, और एक आदमी, सर्प से काटा हुअा, उसकी चेतना को पुनर्जीवित किया जा सकता है । यहां कोई भी भारतीय मौजूद हैं, वे जानते हैं । अभी भी । विशेष रूप से मैंने पंजाब में देखा है, कई सपेरे हैं, जो जानते हैं कि कैसे मंत्र जप करना चाहिए ।

तो अगर यह शारीरिक रूप से संभव है कि एक मरा हुअा आदमी... बेशक, एक आदमी एक सांप से काटा हुअा वह मरा नहीं है । वह बेहोश हो जाता है । वह मरा नहीं है । लेकिन इस मंत्र के जप से, वह अपनी चेतना में आता है । तो इसलिए, यह भारत में व्यवस्था है, कि एक आदमी सांप से काटा गया हो, उसको जलाते नहीं है, या वह मृत शरीर के रूप में नहीं लिया जाता है । उसे किसी जीवनरक्षक नौका में तैराया जाता है और पानी दिया जाता है । अगर उसे मौका मिलता है तो वह चेतना में फिर से आ सकता है । तो इसी तरह, हम वर्तमान समय में, हमारे अज्ञान के कारण, हम सो रहे हैं । हम सो रहे हैं । इसलिए, हमें जगाने के लिए, यह मंत्र, महा मंत्र, आवश्यक है । जगाने के लिए । चेतो-दर्पण-मार्जनम (चैतन्य चरितामृत अन्त्य २०.१२) ।

जैसे इन लड़कों की तरह, यह यूरोपीयन लड़के और लड़कियॉ मेरे साथ हैं... मेरे पास, तीन, चार हजार शिष्यों से ज्यादा हैं । वे हरे कृष्ण जप कर रहे हैं । और सनकी तरह से जप नहीं कर रहे हैं । वे पूरी तरह आश्वस्त हैं । अगर तुम उन लोगों के साथ बात करोगे, वे बहुत अच्छी तरह से बात करेंगे तत्वज्ञान पर । एक समझदार आदमी के रूप में, समझदारी से । तो कैसे वे यह कर रहे हैं? चार साल पहले, वे कृष्ण का नाम तक नहीं जानते थे । शायद अंग्रेजी शब्दकोश में कृष्ण का नाम देखा होगा, "एक हिंदू भगवान" । लेकिन वास्तव में, यह तथ्य नहीं है । कृष्ण भगवान का नाम है । कृष्ण का मतलब है पूर्ण-आकर्षक, पूर्ण-कल्याणकारी । पूर्ण-आकर्षक का मतलब है वह अच्छे ही होने चाहिए, अन्यथा, वह आकर्षक कैसे हो सकते हैं? बुरा, जो बुरा हो, वो आकर्षक नहीं हो सकता । इसलिए कृष्ण, यह शब्द, का मतलब है पूर्ण-आकर्षक । उनमे सभी अच्छे गुण हैं, सभी ऐश्वर्य ताकि वह आकर्षक हों । यही सही विवरण है, या भगवान का सही नामकरण है ।

अगर भगवान का कोई भी नाम है, विशेष रूप से, परिपूर्ण, तो वह शब्द कृष्ण है । यह एक संस्कृत शब्द है, लेकिन यह बताता है ... श्री कृष्ण का मतलब है भगवान । शास्त्र में यह कहा जाता है, ईश्वर: परम: कृष्ण: (ब्रह्मसंहिता ५.१) | ईश्वर: का मतलब है सर्वोच्च नियंत्रक, और परम:, परम । ईश्वर: परम: कृष्ण: (ब्रह्मसंहिता ५.१) । यही वैदिक साहित्य का निर्देश है । तो हमारा यह कृष्ण भावनामृत आंदोलन एक सांप्रदायिक धार्मिक आंदोलन नहीं है । यह एक वैज्ञानिक दार्शनिक आंदोलन है । यह समझने की कोशिश करो । लेकिन यह प्रक्रिया बहुत सरल है । प्रक्रिया है इस जप से हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण, हरे हरे / हरे राम, हरे राम, राम राम हरे हरे । हम जादूगर नहीं हैं, लेकिन हम अपने छात्रों से कहते हैं, "बस तुम इस दिव्य कंपन का जप करो," और वह धीरे-धीरे ह्रदय के भीतर की सभी गंदी बातों से शुद्ध हो जाता है । यह हमारी प्रक्रिया है । चैतन्य महाप्रभु ने समझाया है, उन्होंने हमें शिक्षा दी है, चेतो दर्पण-मार्जनम (चैतन्य चरितामृत अन्त्य २०.१२) |

इस भौतिक दुनिया में हमारी सारी परेशानी गलतफहमी की वजह से है । पहली गलतफहमी है कि "मैं यह शरीर हूँ ।" और वास्तव में, हम में से हर एक, हम इस मंच पर खड़े हैं, जीवन की शारीरिक अवधारणा । अौर क्योंकि बुनियादी नींव गलत है, इसलिए जो कुछ भी हम पैदा कर रहे हैं जो हम समझ रहे हैं, वे सब गलत है । क्योंकि बुनियादी मंच गलत है । तो सब से पहले तो हमें यह गलत विचार को दूर करना होगा कि मैं यह शरीर हूँ ।" इसे कहा जाता है चेतो दर्पण मार्जनम (चैतन्य चरितामृत अन्त्य २०.१२), हृदय कि सफाई | मैं सोच रहा हूँ कि "मैं यह शरीर हूँ," लेकिन वास्तव में एसा नहीं है ।

तो हमें इस गलत धारणा को साफ करना होगा, और यह बहुत आसानी से किया जा सकता है, बस इस हरे कृष्ण महा मंत्र जप से । यह व्यावहारिक है । तो हमारा अनुरोध है, कि आप में से हर एक, अगर आप कृपया हरे कृष्ण महा मंत्र का जाप करने की हमारी शिक्षा लें । अाप कुछ भी नहीं खो रहे हो । लेकिन लाभ बहुत ज्यादा है । हम आपसे कुछ भी मूल्य नहीं ले रहे हैं । दूसरों की तरह, वह कुछ मंत्र देते हैं तो वे मूल्य लेंगे । लेकिन हम नि: शुल्क वितरण कर रहे हैं । प्रत्येक व्यक्ति ले सकता है । यहां तक ​​कि बच्चे, वे भी ले सकते हैं । हमारे समाज में कई बच्चे भी शामिल हैं । वे मंत्र जपते हैं और नृत्य करते हैं । किसी भी शिक्षा की आवश्यकता नहीं है । कोई पैसे की आवश्यकता नहीं है । बस आप मंत्र जपो... क्यों आप जप करने का प्रयोग नहीं करके देखते ? यह हमारा अनुरोध है ।

हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण, हरे हरे / हरे राम, हरे राम, राम राम हरे हरे । किसी को आपत्ति हो सकती है "क्यों मैं मंत्र जपूँ अापके हिंदू कृष्ण का नाम?" इसलिए हम नहीं कहते हैं कि कृष्ण, या भगवान ... भगवान के कई नाम हैं । यह हम स्वीकार करते हैं । यह नहीं है ... भगवान असीमित हैं । इसलिए, उनके असीमित नाम होने चाहिए । लेकिन यह कृष्ण शब्द बहुत सही है क्योंकि इसका मतलब है सर्व-आकर्षक । आप चर्चा कर सकते हो, "ईश्वर महान है ।" वो ठीक है । कैसे वह महान हैं? यह एक और समझ है । तो अगर आपको लगता है कि "कृष्ण हिंदू भगवान का नाम है क्यों मैं इसको जपूँ ?" तो चैतन्य महाप्रभु कहते हैं, "नहीं | " अगर आपके पास एक नाम है, भगवान का एक और विकल्प नाम, अाप उसका जप कर सकते हो । हमारा यही अनुरोध है कि आप भगवान के पवित्र नाम का जप करो । अगर अापके पास भगवान का कोई भी नाम है, तो आप जप करो । आप शुद्ध हो जाअोगे । यही हमारा प्रचार है ।