HI/Prabhupada 0526 - अगर हम बहुत दृढ़ता से कृष्ण को पकड़ते हैं, माया कुछ नहीं कर सकती है



Lecture on BG 7.1 -- Los Angeles, December 2, 1968

तमाल कृष्ण: माया अगर हमें पकड़ लेती है, तो सबसे तेज़ तरीका क्या है वापस कृष्ण के पास जाने के लिए ?

प्रभुपाद: ओह, वह कृष्ण, कि बस कृष्ण... जब भी माया का आकर्षण हो, बस कृष्ण से प्रार्थना करो, "कृपया मुझे बचाओ । कृपया मुझे बचाअो ।" यही एक तरीका है । और वे तुम्हें बचा लेंगे । हम माया के राज्य में हैं, तो माया यहाँ बहुत मज़बूत है, लेकिन अगर हम बहुत दृढ़ता से कृष्ण को पकड़ते हैं, माया कुछ नहीं कर सकती है । हमें दृढता से बहुत कसकर कृष्ण को पकड़ना चाहिए । फिर कोई पतन नहीं होता है । हाँ ।

मधुद्विष: प्रभुपाद, जब हम संकीर्तन पर जाते हैं, कीर्तन करते हुए, सबसे अच्छा तरीका क्या होगा भीड़़ को संलग्न करने के लिए ताकि वे हमारे साथ मंत्र जप में भाग ले सकें ? क्या होगा सबसे अच्छा तरीका...

प्रभुपाद: सबसे अच्छा तरीका यह है कि तुम कीर्तन करते जाअो । तुम्हारा कार्य, मेरे कहने का मतलब है, भीड़ को संतुष्ट करना नहीं है । तुम्हारा कार्य है कृष्ण को संतुष्ट करना, और फिर भीड़ स्वचालित रूप से संतुष्ट हो जाएगी । हम भीड़ को खुश करने के लिए नहीं जा रहे हैं । हम उन्हें कुछ देने के लिए जा रहे हैं, कृष्ण । तो तुम्हें बहुत ज्यादा सावधान होना चाहिए कि क्या तुम सही तरीके से कृष्ण को पेश कर रहे हो । तब वे संतुष्ट हो जाएँगे । तुम्हारा काम है कृष्ण को संतुष्ट करना । फिर सब कुछ संतुष्ट हो जाएगा ।

तस्मिन तुष्टे जगत तुष्ट । अगर कृष्ण संतुष्ट हैं, तो पूरी दुनिया संतुष्ट है । अगर तुम जड़ में पानी डालते हो, तो यह स्वचालित रूप से पेड़ के हर हिस्से में वितरित हो जाता है । तो कृष्ण बड़े पेड़ हैं, बड़े पेड़ की जड़ हैं, और तुम कृष्ण को पानी देने का कार्य अपनाअो । हरे कृष्ण का जप करो और नियमों का पालन करो, सब कुछ ठीक हो जाएगा ।