HI/671213 - नृपेन्द्रनाथ बनर्जी को लिखित पत्र, कलकत्ता: Difference between revisions
No edit summary Tag: Manual revert |
No edit summary |
||
Line 17: | Line 17: | ||
''[हस्तलिखित]'' | ''[हस्तलिखित]'' | ||
दिसंबर १३, १९६७ | दिसंबर १३, १९६७. | ||
Latest revision as of 09:35, 30 January 2024
[हस्तलिखित]
दिसंबर १३, १९६७.
श्री नृपेन्द्रनाथ बनर्जी
११४, इलियट रोड, मीरपुर,
कानपूर - ४, उत्तर प्रदेश
कशी मल्लिक ठाकुर बत्ती
१४२, महात्मा गाँधी रोड, कलकत्ता-७
मेरे प्रिय नृपेन बाबू,
कृपया मेरा अभिवादन स्वीकार करें। मुझे आशा है कि आपको मेरे पिछले पोस्टकार्ड विधिवत मिल गए होंगे। कलकत्ता की स्थिति सामान्य हो जाने के कारण मैंने अब सैन फ्रांसिस्को और न्यूयार्क (अमरीका) जाते हुए जापान (टोक्यो) के लिए अपना टिकट खरीद लिया है। मेरे शिष्य श्रीमान अच्युतानंद ब्रह्मचारी और श्रीमान रामानुज ब्रह्मचारी दोनों मुझे टोक्यो के लिए रवाना करने के बाद कानपुर होते हुए दिल्ली के लिए रवाना होंगे। वे १५ तारीख की रात ९/४५ बजे से ३९ यूपी जनता एक्सप्रेस १६ तारीख रात १० बजे कानपुर पहुंच रही हैं। चूंकि वे नए आदमी हैं, कृपया उन्हें स्टेशन पर प्राप्त करें। वे वैष्णव पंथ में व्याख्यान दे सकते हैं और यदि संभव हो तो आप उनके कीर्तन और व्याख्यान की व्यवस्था कर सकते हैं; अन्यथा वे एक-दो दिन आराम करने के बाद मथुरा जा सकते हैं। आशा है कि यह आपको अच्छे स्वास्थ्य में मिलेगा और मुझे आपसे अपने सैन फ्रांसिस्को पते पर निम्नानुसार सुनकर खुशी होगी: सी/ओ इस्कॉन ५१८ फेडरिक स्ट्रीट सैन फ्रांसिस्को, कैलिफोर्निया ९४११७, यू.एस.ए.
आपका फिर से धन्यवाद,
ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी
पत्र भेजने वाले का नाम और पता :-
ए.सी.भक्तिवेदांत स्वामी
सी/ओ इस्कॉन
५१८ फ्रेडेरिक स्ट्रीट सैन फ्रांसिस्को
कैलिफोर्निया - ९४११७
- HI/1967 - श्रील प्रभुपाद के पत्र
- HI/1967 - श्रील प्रभुपाद के प्रवचन,वार्तालाप एवं पत्र
- HI/1967-12 - श्रील प्रभुपाद के प्रवचन,वार्तालाप एवं पत्र
- HI/श्रील प्रभुपाद के पत्र जो लिखे गए - भारत से
- HI/श्रील प्रभुपाद के पत्र जो लिखे गए - भारत, कलकत्ता से
- HI/श्रील प्रभुपाद के प्रवचन,वार्तालाप एवं पत्र - भारत
- HI/श्रील प्रभुपाद के प्रवचन,वार्तालाप एवं पत्र - भारत, कलकत्ता
- HI/श्रील प्रभुपाद के पत्र - भारतीय समर्थकों को
- HI/1967 - श्रील प्रभुपाद के पत्र - मूल पृष्ठों के स्कैन सहित
- HI/श्रील प्रभुपाद के सभी पत्र हिंदी में अनुवादित
- HI/सभी हिंदी पृष्ठ