HI/670215 - कीर्त्तनानन्द को लिखित पत्र, सैन फ्रांसिस्को: Difference between revisions

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{{LetterScan|670215_-_Letter_to_Satsvarupa_1_and_Kirtanananda.JPG| कीर्त्तनानन्द को पत्र (पृष्ठ १ से २)}}
{{LetterScan|670215_-_Letter_to_Satsvarupa_1_and_Kirtanananda.JPG| कीर्त्तनानन्द को पत्र (पृष्ठ १ से २)}}
{{LetterScan|670215_-_Letter_to_Satsvarupa_2_and_Kirtanananda.jpg| सत्स्वरूप को पत्र (पृष्ठ २ से २)}}
{{LetterScan|670215_-_Letter_to_Satsvarupa_2_and_Kirtanananda.jpg| कीर्त्तनानन्द को पत्र (पृष्ठ २ से २)}}




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सैन फ्रांसिस्को,कैलीफोर्निया, <br/>  
सैन फ्रांसिस्को,कैलीफोर्निया, <br/>  
फरवरी १५, १९६७ <br/>  
फरवरी १५, १९६७ <br/>  
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<u>कीर्तनानंद के लिए टिका</u> <br/>  
<u>कीर्तनानंद के लिए टिका</u> <br/>  
मेरे प्रिय कीर्तनानंद, <br/>  
मेरे प्रिय कीर्तनानंद, <br/>  
न्यूयॉर्क में आपकी अनुपस्थिति उचित नहीं है जबकि मैं वहां नहीं हूं। इसलिए मैंने मॉन्ट्रियल की अपनी यात्रा स्थगित कर दी है। कृपया मृदंगों को साफ करने के लिए भार रखने के बिल का ध्यान रखें। मुझे लगता है कि जलडुटा जहाज इस समय तक न्यूयॉर्क पहुंच रहा होगा। कृपया जरूरी कार्य को करें और मूल्यवान वस्तुओं को साफ करें। उम्मीद है आप सब ठीक हैं। <br/>  
न्यूयॉर्क में आपकी अनुपस्थिति उचित नहीं है क्योंकि मैं वहां नहीं हूं। इसलिए मैंने मॉन्ट्रियल की अपनी यात्रा स्थगित कर दी है। कृपया मृदंगों का हिसाब रखने के लिए लदान बिल का ध्यान रखें। मुझे लगता है कि जलडुटा जहाज इस समय तक न्यूयॉर्क पहुंच रहा होगा। कृपया जरूरी कार्य को करें और मूल्यवान वस्तुओं को स्पष्ट रखें। उम्मीद है आप सब ठीक हैं। <br/>  
आपका नित्य, <br/>  
आपका नित्य शुभचिंतक, <br/>  
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ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी
ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी

Latest revision as of 17:54, 4 May 2021

कीर्त्तनानन्द को पत्र (पृष्ठ १ से २)
कीर्त्तनानन्द को पत्र (पृष्ठ २ से २)


५१८ फ्रेडरिक गली,
सैन फ्रांसिस्को,कैलीफोर्निया,
फरवरी १५, १९६७



कीर्तनानंद के लिए टिका
मेरे प्रिय कीर्तनानंद,
न्यूयॉर्क में आपकी अनुपस्थिति उचित नहीं है क्योंकि मैं वहां नहीं हूं। इसलिए मैंने मॉन्ट्रियल की अपनी यात्रा स्थगित कर दी है। कृपया मृदंगों का हिसाब रखने के लिए लदान बिल का ध्यान रखें। मुझे लगता है कि जलडुटा जहाज इस समय तक न्यूयॉर्क पहुंच रहा होगा। कृपया जरूरी कार्य को करें और मूल्यवान वस्तुओं को स्पष्ट रखें। उम्मीद है आप सब ठीक हैं।
आपका नित्य शुभचिंतक,

ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी