HI/670223 - ब्रह्मानन्द को लिखित पत्र, सैन फ्रांसिस्को: Difference between revisions
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मेरे प्रिय ब्रह्मानंद, <br/> | मेरे प्रिय ब्रह्मानंद, <br/> | ||
कृपया मेरा आशीर्वाद स्वीकार करें। मुझे आशा है कि इस समय तक आपको अच्छी स्थिति में जलदूता के माध्यम से भारत से माल प्राप्त हो गया | कृपया मेरा आशीर्वाद स्वीकार करें। मुझे आशा है कि इस समय तक आपको अच्छी स्थिति में जलदूता के माध्यम से भारत से माल प्राप्त हो गया होगा। <br/> | ||
माल में से, आप न्यूयॉर्क में <u>एक मृदंगा और छह जोड़े करताल</u> रखे और शेष सभी सामान या उसमें शामिल सभी कागज़ात | माल में से, आप न्यूयॉर्क में <u>एक मृदंगा और छह जोड़े करताल</u> रखे और शेष सभी सामान या उसमें शामिल सभी कागज़ात एवं पत्र सहित सामान एक ही बार में यहां भेजा जा सकता हैं। वे विभिन्न स्थानों पर कीर्तन कार्यक्रम की व्यवस्था कर रहे हैं और मुझे लगता है कि मृदंग और करताल कीर्तन की गरिमा बढ़ाएंगे। <br/> | ||
मृदंगों के लिए, मैंने व्यक्तिगत रूप से भारत को भुगतान | मृदंगों के लिए, मैंने व्यक्तिगत रूप से भारत को भुगतान किया है इसलिए बाद हम देखेंगे कि वास्तविक खर्च क्या है। <br/> | ||
रंचोर ने एक संकुलित निर्देश दिया है। कृपया देखें कि निर्देश के अनुसार और जैसा कि चित्रण दिया गया है अच्छी तरह से संकुलित किया जाए। आशा है कि आप सभी अच्छे होंगे और सभी के लिए | रंचोर ने एक संकुलित निर्देश दिया है। कृपया देखें कि निर्देश के अनुसार और जैसा कि चित्रण दिया गया है अच्छी तरह से संकुलित किया जाए। आशा है कि आप सभी अच्छे होंगे और सभी के लिए मेरा आशीर्वाद। <br/> | ||
आपका नित्य शुभचिंतक, <br/> | आपका नित्य शुभचिंतक, <br/> | ||
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अंतराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ
२६ पंथ, न्यूयॉर्क, एन.वाई. १०००३
टेलीफोन: ६७४-७४२८
आचार्य :स्वामी ए.सी. भक्तिवेदांत
समिति:
लैरी बोगार्ट
जेम्स एस. ग्रीन
कार्ल एयरगन्स
राफेल बालसम
रॉबर्ट लेफ्कोविट्ज़
रेमंड मराइस
माइकल ग्रांट
हार्वे कोहेन
५१८ फ्रेडरिक गली,
सैन फ्रांसिसको,कैलीफ़ोर्निया,
फरवरी १८, १९६७
मेरे प्रिय ब्रह्मानंद,
कृपया मेरा आशीर्वाद स्वीकार करें। मुझे आशा है कि इस समय तक आपको अच्छी स्थिति में जलदूता के माध्यम से भारत से माल प्राप्त हो गया होगा।
माल में से, आप न्यूयॉर्क में एक मृदंगा और छह जोड़े करताल रखे और शेष सभी सामान या उसमें शामिल सभी कागज़ात एवं पत्र सहित सामान एक ही बार में यहां भेजा जा सकता हैं। वे विभिन्न स्थानों पर कीर्तन कार्यक्रम की व्यवस्था कर रहे हैं और मुझे लगता है कि मृदंग और करताल कीर्तन की गरिमा बढ़ाएंगे।
मृदंगों के लिए, मैंने व्यक्तिगत रूप से भारत को भुगतान किया है इसलिए बाद हम देखेंगे कि वास्तविक खर्च क्या है।
रंचोर ने एक संकुलित निर्देश दिया है। कृपया देखें कि निर्देश के अनुसार और जैसा कि चित्रण दिया गया है अच्छी तरह से संकुलित किया जाए। आशा है कि आप सभी अच्छे होंगे और सभी के लिए मेरा आशीर्वाद।
आपका नित्य शुभचिंतक,
ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी
ध्यान दीजिये कल मैने ३ कैसेट भेजें है। सत्स्वरूप को आवश्यक कार्यवाही करने के लिए कहें।
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