"इस युग मे, कलियुग, भगवान का अवतार है। वह क्या है, भगवान का अवतार? वह त्विष आकर्षणम। उनका शारीरिक रंग काला नहीं है। कृष्ण काले हैं, पर वह कृष्ण है, वह भगवान श्री चैतन्य। भगवान श्री चैतन्य कृष्णा। और उनका कार्य क्या है ? अब, कृष्णा- वर्णनम। वह हमेशा जपते है हरे कृष्णा, हरे कृष्णा, कृष्णा कृष्णा, हरे हरे, हरे रामा हरे..., वरनयाती। कृष्णा- वर्णनम त्विष कृष्णम और संगोपंगासत्र (श्री भ ११.५.३२)। वह संघ हैं... आप चित्र देख रहे हैं। वह चार अन्य लोगों के संघ में हैं। और इस चित्र में भी आप देखेंगे वह,संग है। तो आप इस चित्र या इस रूप को अपने पहले रखें और बस जपते नाचते रहे। इसे पू़ंजना केहते हैै।"
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