HI/670102 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद न्यूयार्क में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions
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Latest revision as of 04:15, 12 October 2020
HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी |
"श्रीमद भागवतम में यह बहुत सुंदर तरीके से वर्णन है कि, किस प्रकार से यह सृष्टि का सर्जन हुआ और कैसे ब्रह्माजी की उत्पत्ति हुई और किस प्रकार से ब्रह्माजी से ऋषिगणों की उत्पत्ति हुई, कैसे सामान्यतः जनसख्या की बढ़ौती हुई। यह वर्णन है। तो वास्तवमें भगवान श्री कृष्ण मूल है। जन्मादि अस्य यतः (श्री.भा. १.१.१.)। जैसे की वेदांत सूत्र में कहा गया है, सब कुछ उनसे ही उत्पन्न होता है।" |
670102 - प्रवचन भ.गी. १०.२-३ - न्यूयार्क |