HI/670218 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद सैन फ्रांसिस्को में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions

 
No edit summary
 
Line 2: Line 2:
[[Category:HI/अमृत वाणी - १९६७]]
[[Category:HI/अमृत वाणी - १९६७]]
[[Category:HI/अमृत वाणी - सैन फ्रांसिस्को]]
[[Category:HI/अमृत वाणी - सैन फ्रांसिस्को]]
{{Audiobox_NDrops|HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/670218CC-SAN_FRANCISCO_ND_01.mp3</mp3player>|ब्राह्मण का अर्थ "महत्तम"। तो आपके विचिर में महत्तम क्या है? महत्तम का अर्थ . . . इसका वर्णन परासर-सूत्र द्वारा किया गया है, कि वह संपत्ति में सबसे महान, ख्याति सबसे ऊँचा, ज्ञान में सर्वोत्तम, त्याग में सबसे महान, सौंदर्य में सर्वोत्तम, सबकुछ, जो भी आकर्षणीय है। कैसे, कैसे आप "महत्तम" को समझ सकते है? "महत्तम"  का अर्थ यह नहीं है कि आकाश सबसे महान है। वह निर्विशेषवादी सिद्धांत है। लेकिन हमारे विचार से "महत्तम" वही है जो खुद के भीतर लाखों आकाश को निगल सकता है, वह सबसे महत्तम है। भौतिक सोच इससे आगे नहीं जा सकती। वे केवल महत्तम सोच सकते है तो: आकाश। बस इतना ही।|Vanisource:670218 - Lecture CC Adi 07.108 - San Francisco|६७०२१८ - प्रवचन चै च अदि लीला ०७.१०८ - सैन फ्रांसिस्को}}
<!-- BEGIN NAVIGATION BAR -- DO NOT EDIT OR REMOVE -->
{{Nectar Drops navigation - All Languages|Hindi|HI/670217b प्रवचन - श्रील प्रभुपाद सैन फ्रांसिस्को में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं|670217b|HI/670223 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद सैन फ्रांसिस्को में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं|670223}}
<!-- END NAVIGATION BAR -->
{{Audiobox_NDrops|HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/670218CC-SAN_FRANCISCO_ND_01.mp3</mp3player>|"ब्रह्मण का अर्थ "महत्तम"। तो आपके विचिर में महत्तम क्या है? महत्तम का अर्थ . . . इसका वर्णन परासर-सूत्र द्वारा किया गया है, कि वह सबसे अधिक धनवान, प्रसिद्धि में  सर्वश्रेष्ठ, ज्ञान में सर्वोच्च, सबसे बड़े त्यागी, सौंदर्य में सर्वोत्तम, सबकुछ, जो भी आकर्षणीय है। कैसे, कैसे आप "महत्तम " को समझ सकते है? "महत्तम"  का अर्थ यह नहीं है कि आकाश सबसे महान है। वह निर्विशेषवादी सिद्धांत है। किन्तु  हमारे विचार से "महत्तम" वही है जो स्वयं  के भीतर लाखों आकाश को निगल सकता है, वह सबसे महत्तम है। भौतिक सोच इससे आगे नहीं जा सकती। वे केवल महत्तम सोच सकते है तो: आकाश। बस इतना ही।" |Vanisource:670218 - Lecture CC Adi 07.108 - San Francisco|670218 - प्रवचन चै च अदि लीला ०७.१०८ - सैन फ्रांसिस्को}}

Latest revision as of 12:55, 13 April 2021

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"ब्रह्मण का अर्थ "महत्तम"। तो आपके विचिर में महत्तम क्या है? महत्तम का अर्थ . . . इसका वर्णन परासर-सूत्र द्वारा किया गया है, कि वह सबसे अधिक धनवान, प्रसिद्धि में सर्वश्रेष्ठ, ज्ञान में सर्वोच्च, सबसे बड़े त्यागी, सौंदर्य में सर्वोत्तम, सबकुछ, जो भी आकर्षणीय है। कैसे, कैसे आप "महत्तम " को समझ सकते है? "महत्तम" का अर्थ यह नहीं है कि आकाश सबसे महान है। वह निर्विशेषवादी सिद्धांत है। किन्तु हमारे विचार से "महत्तम" वही है जो स्वयं के भीतर लाखों आकाश को निगल सकता है, वह सबसे महत्तम है। भौतिक सोच इससे आगे नहीं जा सकती। वे केवल महत्तम सोच सकते है तो: आकाश। बस इतना ही।"
670218 - प्रवचन चै च अदि लीला ०७.१०८ - सैन फ्रांसिस्को