HI/680820 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद मॉन्ट्रियल में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions
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Revision as of 16:37, 9 June 2019
HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी |
यह सभी प्रार्थनाओं का सारांश है । यदि आप भगवान् के सामने कहते हैं कि "मेरे पास आपके के अलावा कोई अन्य आश्रय नहीं है," तो वे आपका तुरंत प्रभार ले लेते है । लेकिन अगर आप सोचते है कि "मेरे प्रिय प्रभु, मैं अपनी रोजी रोटी के लिए आपके पास आता हूं, और जैसे ही आप मुझे रोजी रोटी देते हैं, मेरा कारोबार आपके साथ खत्म हो जाता है..." नहीं । यह भी अच्छा है, लेकिन यह प्रेम नहीं है । यह व्यापार है । कृष्ण को प्रेमी चाहिए न की कोई व्यवसाय के लिए । |
680820 - प्रवचन श्री.भा. ७.९.१२-१३ - मॉन्ट्रियल |