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- HI/Prabhupada 0291 - मैं अधीनस्थ होना नहीं चाहता, झुकना नहीं चाहता हूँ, यह तुम्हारा रोग है (2 revisions)
- HI/Prabhupada 0292 - ज्ञान से परम भगवान का पता लगाना (2 revisions)
- HI/Prabhupada 0293 - रस बारह प्रकार के होते हैं, भाव (2 revisions)
- HI/Prabhupada 0294 - कृष्ण को आत्मसमर्पण करने के छह अंक हैं (2 revisions)
- HI/Prabhupada 0295 - एक जीव अन्य सभी जीव की सभी मांगों की आपूर्ति कर रहा है (2 revisions)
- HI/Prabhupada 0296 - हालांकि प्रभु यीशु मसीह को क्रूस पर चढ़ाया गया था, उन्होंने अपनी राय कभी नहीं बदली (2 revisions)
- HI/Prabhupada 0297 - जो निरपेक्ष सत्य को समझने के लिए जिज्ञासु है उसे एक आध्यात्मिक गुरु की आवश्यकता है (2 revisions)
- HI/Prabhupada 0300 - मूल व्यक्ति मरा नहीं है (2 revisions)
- HI/Prabhupada 0301 - सबसे बुद्धिमान व्यक्ति, वे नाच रहे हैं (2 revisions)
- HI/Prabhupada 0302 - लोग आत्मसमर्पण करने के लिए इच्छुक नहीं हैं (2 revisions)
- HI/Prabhupada 0303 - दिव्य । तुम इससे परे हो (2 revisions)
- HI/Prabhupada 0310 - यीशु वह भगवान के प्रतिनिधि हैं और हरि नाम भगवान है (2 revisions)
- HI/Prabhupada 0314 - शरीर के लिए ज्यादा ध्यान नहीं देना, लेकिन आत्मा के लिए पूरा ध्यान देना (2 revisions)
- HI/Prabhupada 0319 भगवानको स्वीकार करो, भगवानके सेवकके रूपमें अपनी स्थितिको स्वीकार करो और भगवानकी सेवा करो (2 revisions)
- HI/Prabhupada 0336 - यह कैसे है कि वे भगवान के पीछे पागल हो रहे हैं (2 revisions)
- HI/Prabhupada 0343 - हम मूढों को शिक्षित करने की कोशिश कर रहे हैं (2 revisions)
- HI/Prabhupada 0345 - कृष्ण हर किसी के ह्रदय में बैठे हैं (2 revisions)
- HI/Prabhupada 0349 - मैंने तो बस विश्वास किया जो भी मेरे गुरु महाराज नें कहा (2 revisions)
- HI/Prabhupada 0351 - तुम कुछ लिखो, उद्देश्य होना चाहिए परम की महिमा बस (2 revisions)
- HI/Prabhupada 0353 कृष्णके बारेमें लिखो, पढो, बात,चिन्तन करो,पूजा करो, भोजन बनाओ, ग्रहण करो,ये कृष्ण कीर्तन है (2 revisions)
- HI/Prabhupada 0377 - भजहू रे मन का तात्पर्य (2 revisions)
- HI/Prabhupada 0379 - दशावतार स्तोत्र भाग १ (2 revisions)
- HI/Prabhupada 0380 - दशावतार स्तोत्र भाग २ (2 revisions)
- HI/Prabhupada 0381 - दशावतार स्तोत्र भाग १ (2 revisions)
- HI/Prabhupada 0382 - दशावतार स्तोत्र भाग २ (2 revisions)
- HI/Prabhupada 0383 - गौर पाहु तात्पर्य (2 revisions)
- HI/Prabhupada 0384 - गौरंगा बोलिते होबे तात्पर्य (2 revisions)
- HI/Prabhupada 0385 - गौरंगा बोलिते होबे तात्पर्य (2 revisions)
- HI/Prabhupada 0386 - गौरंगेर दूति पदा तात्पर्य भाग १ (2 revisions)
- HI/Prabhupada 0387 - गौरंगेर दूति पदा तात्पर्य भाग २ (2 revisions)
- HI/Prabhupada 0388 - हरे कृष्ण तात्पर्य रिकॉड ऐल्बम से (2 revisions)
- HI/Prabhupada 0389 - हरि हरि बिफले तात्पर्य (2 revisions)
- HI/Prabhupada 0390 - जय राधा माधव तात्पर्य (2 revisions)
- HI/Prabhupada 0391 - मानस देहो गेहो तात्पर्य (2 revisions)
- HI/Prabhupada 0392 - नारद मुनि बजाय वीना तात्पर्य (2 revisions)
- HI/Prabhupada 0393 - निताई गुना मणि अामार तात्पर्य (2 revisions)
- HI/Prabhupada 0394 - निताई-पद -कमल तात्पर्य (2 revisions)
- HI/Prabhupada 0395 - परम कोरुणा तात्पर्य (2 revisions)
- HI/Prabhupada 0396 - राजा कुलशेखर की प्रार्थना (2 revisions)
- HI/Prabhupada 0397 - राधा कृष्ण बोल तात्पर्य (2 revisions)
- HI/Prabhupada 0398 - श्री कृष्ण चैतन्य प्रभु तात्पर्य (2 revisions)
- HI/Prabhupada 0399 - श्री नाम, गाये गौर मधुर स्वरे तात्पर्य (2 revisions)
- HI/Prabhupada 0400 - श्री श्री शिक्षाष्टकम तात्पर्य (2 revisions)
- HI/Prabhupada 0401 - श्री श्री शिक्षाष्टकम तात्पर्य (2 revisions)
- HI/Prabhupada 0402 - विभावरी शेष तात्पर्य भाग १ (2 revisions)
- HI/Prabhupada 0403 - विभावरी शेष तात्पर्य भाग २ (2 revisions)
- HI/Prabhupada 0404 - कृष्ण भावनामृत की इस तलवार को लो, बस विश्वास के साथ तुम सुनने की कोशिश करो (2 revisions)
- HI/Prabhupada 0405 - राक्षस समझ नहीं सकते हैं कि भगवान एक व्यक्ति हैं । यह आसुरी है (2 revisions)
- HI/Prabhupada 0406 - जो कोई भी कृष्ण का विज्ञान जानता है, वह आध्यात्मिक गुरु हो सकता है (2 revisions)
- HI/Prabhupada 0407 - हरिदास का जीवन इतिहास यह है कि वह एक मुसलमान परिवार में पैदा हुए (2 revisions)